उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में विधानसभा और विधान परिषद के सदस्य अब सालाना तीन करोड़ की जगह पांच करोड़ की विधायक विकास निधि से क्षेत्र में विकास कार्य करवा सकेंगे. इसकी घोषणा खुद सीएम योगी (CM Yogi) ने बजट सत्र के दौरान विधानसभा में की. विधायक निधि बढ़ाने की मांग काफी समय से हो रही थी. इससे पहले दो बार सीएम योगी ने ही विधायक निधि को बढ़ाया था.
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बसपा के उमाशंकर सिंह ने रखी थी मांग
बता दें कि 2020 में विधायक निधि को दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ किया गया था.इससे पहले 2019 में विधायक निधि डेढ़ करोड़ से 2 करोड़ की गई थी. कोरोना काल में विधायक निधि स्थगित कर दी गई थी. गौरतलब है कि विधायक निधि बढ़ाने की मांग बसपा के उमाशंकर सिंह ने रखी. इससे पहले बजट चर्चा के दौरान कांग्रेस की आराधना मिश्रा समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने भी विधायक निधि पांच करोड़ किए जाने की मांग उठाई थी.
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अखिलेश यादव ने सीएम के फैसले का स्वागत
उधर, विधायक विकास निधि को तीन करोड़ से पांच करोड़ किए जाने पर सदन में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री की इस घोषणा का स्वागत किया. उन्होंने सीएम के प्रति आभार जताते हुए कहा कि सभी सदस्य इसमें बढ़ोतरी चाहते थे. मुख्यमंत्री ने उनके मन की बात मान ली.