Cyclone Remal: तेज हवाएं, आसमान में छाए काले बादल, तबाही लाने के लिए बेकरार हुआ तूफान, देखिए video

Updated : May 26, 2024 22:37
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Editorji News Desk

Cyclone Remal:  चक्रवाती तूफान रेमल ने प्रचंड रूप धारण कर लिया है. इसका असर पश्चिम बंगाल, ओडिशा के साथ साथ  बांग्लादेश के तटों पर दिखने लगा है. तेज हवाएं चल रही हैं और आसमान में काली घटा छायी हुई है. कई जगहों पर बारिश हो रही है. मौसम विभाग के मुताबिक रविवार को आधी रात तक पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच तटों को ये चक्रवात टकराएगी उस वक्त 120-135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी और  जबरदस्त बारिश होगी. चक्रवात के कारण पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा और कोलकाता एवं आसपास के क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है.  चक्रवात के पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटीय इलाकों में पहुंचने पर 1.5 मीटर ऊंची तूफानी लहरें उठने के कारण निचले इलाकों में पानी भरने की आशंका भी जताई गई है. इसको देखते हुए मछुआरों को सोमवार सुबह तक उत्तरी बंगाल की खाड़ी में समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है

उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर, कोलकाता, हावड़ा और हुगली जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया गया है। उत्तर और दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों में अत्यधिक भारी बारिश की आशंका के कारण इन क्षेत्रों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है.

नादिया और मुर्शिदाबाद जिलों में भी 27-28 मई को भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. पूर्वी रेलवे ने रविवार रात 11 बजे से सोमवार सुबह छह बजे तक सियालदह दक्षिण और बारासात-हसनाबाद खंड में ट्रेन सेवाओं को एहतियातन निलंबित कर दिया है जिसके परिणामस्वरूप कई लोकल ट्रेन रद्द कर दी गईं. दक्षिण पूर्व रेलवे ने भी रविवार को कांडारी एक्सप्रेस और रविवार एवं सोमवार को दीघा से आने-जाने वाली कुछ रेल रद्द कर दी हैं. पश्चिम बंगाल में तूफान का असर कोलकाता, हावड़ा हुगली और पूर्वी मेदिनीपुर में सबसे ज्यादा दिखेगा. इसको देखते हुए हावड़ा में एहतियाती उपाय किये जा रहे हैं. यहां तक कि ट्रेनों को चेन लॉक की मदद से रेलवे ट्रैक से बांधा गया है. 
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात 'रेमल' की प्रतिक्रिया और तैयारियों की समीक्षा के लिए रविवार शाम एक आपात बैठक की अध्यक्षता की और संबंधित अधिकारियों से राहत और बचाव कार्य की जानकारी ली. 

चक्रवात का अपेक्षाकृत कम असर ओडिशा के तटीय इलाकों पर भी पड़ेगा. यहां कई स्थानों पर मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर भारी बारिश की हो सकती है. मछुआरों को 27 मई तक समुद्र में न जाने की सलाह दी जाती है।

चक्रवात को देखते हुए पूर्वी और दक्षिण पूर्वी रेलवे ने एहतियात के तौर पर दक्षिण और उत्तर 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिले के तटीय जिलों में कई ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी हैं. कोलकाता हवाई अड्डे के अधिकारियों ने रविवार दोपहर से 21 घंटे के लिए उड़ान संचालन निलंबित कर दिया है.

भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) के एक प्रवक्ता ने कहा कि उड़ान निलंबन अवधि के दौरान अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों क्षेत्रों में आने-जाने वाली कुल 394 उड़ानों का हवाई अड्डे से संचालन नहीं होगा. कोलकाता स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह में भी चक्रवात के पूर्वानुमान के कारण रविवार शाम से 12 घंटे के लिए माल एवं कंटेनर प्रबंधन परिचालन निलंबित रहेगा. यह मॉनसून से पहले के मौसम में बंगाल की खाड़ी में आने वाला पहला चक्रवात है

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