दिल्ली में कोरोना (Corona) की बेकाबू रफ्तार के मद्देनजर सोमवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में DDMA की बैठक हुई. इस बैठक में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने राजधानी में लॉकडाउन नहीं लगाने का फैसला किया. DDMA ने रेस्तरां (restaurants) में बैठकर भोजन करने की सुविधा बंद करने और मेट्रो ट्रेन-बसों में सवारियों की संख्या कम करने जैसी अन्य पाबंदी लगाने पर विचार किया. हालांकि, केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार इस पक्ष में नहीं है कि मेट्रो में 50% क्षमता की जाए. इस दौरान DDMA के GRAP यानी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान ने दिल्ली में रेड अलर्ट (Red Alert) लगाने कि शर्त भी निर्धारित की. शर्त की मानें तो दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट लगातार दो दिनों तक 5 फीसदी से अधिक रहने, सात दिनों की अवधि में 16000 से अधिक मामले आने या अस्पतालों में औसतन 3,000 ऑक्सीजन बेड्स लगातार सात दिनों तक भरे रहते हैं तो रेड अलर्ट लागू किया जाएगा. आइए एक नजर डालते हैं कि दिल्ली में रेड अलर्ट लगने पर क्या नए प्रतिबंध लगाए जाएंगे-
-निर्माण उन्हीं साइट्स पर होंगे, जहां मजदूरों के रहने की है व्यवस्था
- उद्योग और उत्पादन यूनिट्स पूरी तरह बंद रहेंगे
- सिर्फ आवश्यक सामान वाली दुकानें ही खुलेंगी
-स्टैंड अलोन दुकानें सुबह 10 से शाम 6 बजे तक खुलेंगी
-मॉल्स और वीकली मार्केट पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा
-मेट्रो-बसों में जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को होगी इजाजत
-मेट्रो-बसों में सिटिंग कैपेसिटी होगी 50 फीसदी
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