IRCRC Scam: IRCTC मामले में बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Bihar Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav) को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने उनकी जमानत को रद्द नहीं किया है हालांकि बयान को लेकर फटकार भी लगाई है. कोर्ट ने पूछा है कि क्या डिप्टी सीएम रहते ऐसा बयान देना चाहिए?
दरअसल तेजस्वी IRCTC घोटाला केस में 2018 से जमानत पर हैं और सीबीआई ने तेजस्वी की जमानत को खारिज करने की कोर्ट से अपील की है. इसी मुद्दे पर तेजस्वी राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए. इस दौरान सीबीआई ने राष्ट्रीय जनता दल के नेता के दिए जवाब का विरोध किया. तेजस्वी ने सीबीआई की अर्जी पर कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया.
NIA Raid: आतंक-ड्रग्स-गैंगस्टर्स कनेक्शन पर वार, NIA ने की दिल्ली समेत कई राज्यों में छापेमारी
कोर्ट में तेजस्वी यादव के वकील ने कहा, "तेजस्वी ने जो इंटरव्यू में कहा उसका इस केस से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा, सीबीआई बात यूके की कर रही और जा रही है जापान. सीबीआई बताये कि आईआरसीटीसी केस में मैंने किस शर्त का उल्लंघन किया. मैं लैंड फॉर जॉब स्कैम में आरोपी नहीं हूं." तेजस्वी के वकील ने कहा, सीबीआई की पिक एंड चूज पॉलिसी है. शर्त ये थी कि मैं गवाहों को प्रभावित नहीं करूंगा, सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करूंगा, लेकिन सीबीआई बताए कि क्या मैंने ऐसा किया है?
दरअसल, सीबीआई की कार्रवाई पर तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि क्या सीबाआई वालों के परिवार नहीं होते? उनकी मां नहीं होती या उनकी बहन नहीं होती? सीबीआई ने कोर्ट में तेजस्वी के इसी बयान को धमकी के तौर पर लेते हुए कहा, सीबीआई के जांच अधिकारियों को धमकी दी जा रही है तो आम लोगों का क्या होगा? सीबीआई ने तेजस्वी यादव के इसी बयान को बार-बार पढ़ा. सीबीआई ने आगे कहा, इस साल अगस्त में एक जांच अधिकारी की हत्या का प्रयास हुआ, उत्तर प्रदेश में जहां उनकी कार को ट्रक से दो बार टक्कर मारी गई. सीबीआई ने कहा इस केस जुड़े जांच अधिकारी पर हमला हुआ एक बार नहीं दो बार , लेकिन हमारे पास कोई सबूत नहीं हैं, न ही हम इसे केस में शामिल कर रहे हैं. हमने कभी तेजस्वी को गिरफ्तार करने की कोशिश भी नहीं की. लेकिन अगर वो इस स्तर पर आ जाते हैं कि जांच एजेंसी को धमकाएं तो बेल कैंसल होनी चाहिए.