दिल्ली-NCR में मॉनसून ( Monsoon in Delhi-NCR ) ने दस्तक दे दी है. गुरुवार सुबह कहीं कहीं हल्की बारिश हुई जबकि इस दौरान ज्यादातर इलाकों में बादल छाए रहे. पिछले 5 दिन से तेज गर्मी से लोगों को राहत मिली है. मौसम विभाग ने गरज के साथ छींटे पड़ने और हल्की बारिश का अनुमान लगाया था. मॉनसून के गुरुवार या शुक्रवार तक दिल्ली पहुंचने की संभावना थी.
दिल्ली NCR में पिछले एक हफ्ते से ह्युमिडिटी स्तर और तापमान दोनों काफी ज्यादा थे. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दिल्ली में गुरुवार या शुक्रवार को मॉनसून की पहली बारिश होने की संभावना जताई थी.
आईएमडी ने 30 जून को शहर में मध्यम बारिश का अनुमान लगाते हुए ‘ऑरेंज अलर्ट’ ( Orange Alert in Delhi ) जारी किया था. एक जुलाई तक अधिकतम तापमान गिरकर 33-34 डिग्री सेल्सियस तक आ सकता है. दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर 27 जून तक राष्ट्रीय राजधानी पहुंचता है.
आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर. के. जेनामणि ने बताया कि 30 जून को शहर में अच्छी-खासी बारिश होने की संभावना है. आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, मॉनसून ने पिछले 62 साल में जून में 29 बार और जुलाई में 33 बार दिल्ली में दस्तक दी है.
असम में मूसलाधार बारिश ( Heavy Rain in Assam ) की वजह से 5 और लोगों की जान चली गई. बुधवार को बाढ़ की स्थिति बिगड़ गई और प्रभावित लोगों की संख्या बढ़कर 24.92 लाख हो गई जबकि कछार जिले का सिलचर शहर पिछले 10 दिनों से जलमग्न है. मौसम विज्ञान विभाग ने कोकराझार, चिरांग और बक्सा जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट’ तथा धुबरी, बारपेटा, बोंगईगांव, उदलगुड़ी, बिश्वनाथ, लखीमपुर, धीमाजी और डिब्रूगढ़ में ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है.
दक्षिण सलमारा, कोकराझार, चिरांग तथा बक्सा जिलों में गुरुवार तक ‘ओरेंज अलर्ट’ जारी किया है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) द्वारा जारी एक बुलेटिन के अनुसार, पांच और लोगों के जान गंवाने से असम में इस साल बाढ़ तथा भूस्खलनों में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 139 हो गई है जबकि तीन और लोग लापता हैं.
राज्यभर में 72 राजस्व मंडलों के तहत कुल 2,389 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं जबकि 1,76,201 लोगों ने 555 राहत शिविरों में शरण ली है. बाढ़ के पानी से 155 सड़कें और पांच पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं जबकि सात तटबंध टूट गए हैं। कुल 64 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 5,693 मकानों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है.
उत्तराखंड में मॉनसून ( Monsoon Arrival in Uttarakhand ) की पहली भारी बारिश में जगह-जगह भूस्खलन की घटनांए हुईं. वहीं, केदारनाथ मार्ग पर बुधवार को भूस्खलन की चपेट में एक वाहन के आने से महाराष्ट्र की एक महिला की मौत हो गई और 5 अन्य घायल हो गए. मौसम विभाग ने प्रदेश के नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले में भारी से बहुत भारी बारिश का ‘रेड अलर्ट’ जारी किया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक की.
रूद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ मार्ग पर सोनप्रयाग के पास बुधवार को एक गाड़ी के भूस्खलन की चपेट में आने पर महाराष्ट्र की एक महिला की मृत्यु हो गई जबकि पांच अन्य लोग घायल हो गए. हादसे के समय वाहन में 11 यात्री सवार थे जो भगवान केदारनाथ के दर्शन कर वापस लौट रहे थे, मृतक महिला की पहचान महाराष्ट्र के अहमदनगर की रहने वाली 62 वर्षीय पुष्पा मोहन भोंसले के रूप में हुई है.
अरुणाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश से बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई हैं. यहां भूस्खलन भी हुआ है. कई इलाकों का संपर्क टूट गया और बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं. 24 घंटे में भूस्खलनों में दो और लोगों की मौत हो गई जबकि लापाता दो अन्य लोगों के लिए तलाश अभियान चलाया गया. होल्लोंगी में भीषण भूस्खलन में वाटर प्यूरिफिकेशन प्लांट में काम कर रहा एक मजदूर दब गया. रात में उसका शव बरामद किया गया.
पश्चिमी सियांग जिले में दारला गांव के पास भूस्खलन में ट्रांस अरुणाचल हाईवे परियोजना में काम कर रहे एक निर्माण मजदूर की दबकर मौत हो गई. मृतक की पहचान असम के लखीमपुर जिले के लालुक निवासी टीलू कलांदी के तौर पर की गई.
पापुम पारे के हुतो गांव मेंदो में लापता लोगों की तलाश जारी है. अभियान में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के कर्मी शामिल हैं. अधिकारियों ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश में इस साल अभी तक बाढ़ और भूस्खलन में 17 लोगों की मौत हो चुकी है.
पश्चिम बंगाल के जलपाईपुड़ी का बड़ा हिस्सा मूसलाधार बारिश की वजह से प्रभावित है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के कई इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया है. मौसम विज्ञान विभाग ने पश्चिम बंगाल के उप हिमालय जिलों में और बारिश होने का बुधवार को अनुमान जताया है. पिछले कई दिनों से हो रही बारिश की वजह से कोरोला, तीस्ता, डायना, जलढाका और मानसाई नदियां उफान पर हैं.
(PTI इनपुट के साथ)