Supreme Court On Delhi Ordinance 2023: दिल्ली विधानसभा पर केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी.
दिल्ली की आप (AAP) सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं पर नियंत्रण से जुड़े केंद्र के अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी. आपको बता दें कि दिल्ली में 'सुप्रीम बॉस' की लड़ाई साल 2013 से जारी है. सत्ता में आने के बाद से ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुनी हुई सरकार के पास ज्यादा अधिकार चाहते हैं, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश होने के नाते उपराज्यपाल के पास ज्यादा पावरफुल हैं.
एबीपी की खबर के मुताबिक सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अध्यादेश पर रोक की मांग की. सीजेआई ने कहा कि हम केंद्र को नोटिस जारी कर रहे हैं.
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सीजेआई ने विस्तार से सुनवाई की जरूरत बताते हुए 2 हफ्ते बाद सुनवाई की बात कही. कोर्ट ने उपराज्यपाल के वकील के अनुरोध पर उन्हें भी मामले में पक्ष बनाया.
सिंघवी ने कहा कि नई व्यवस्था में दो अधिकारी मिलकर मुख्यमंत्री की बात को काट सकते हैं.
उसके बाद मामला उपराज्यपाल को भेज दिया जाएगा, जो सुपर सीएम जैसे हैं. इस पर रोक लगानी जरूरी है. उन्होंने कहा कि इसी अध्यादेश के आधार पर 471 ऐसे लोगों को पद से हटा दिया गया है जिनमें से कई ऑक्सफोर्ड जैसे विश्विद्यालय से शिक्षित हैं. इस पर भी सुनवाई हो.
इस पर सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को नौकरी दी गई. इस पर सीधे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई न हो. जो प्रभावित हैं, वह हाई कोर्ट जा सकते हैं. ये मांग याचिका में नहीं है. यहां नई बात कही जा रही है. ये दलीलें सुनने के बाद सीजेआई ने कहा कि हम इस पहलू पर अगले सोमवार (17 जुलाई) को सुनवाई करेंगे.