देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) और इसके आस-पास के शहरों में प्रदूषण (Air Pollution) लगातार खतरनाक स्तर पर बना हुआ है. आसमान में धुंध और धुएं की परत इस कदर छाई हुई है, मानों दिल्ली 'गैस चैंबर' बन गई हो. प्रदूषण के चलते लोगों को सांस (Breath) लेने में काफी परेशानी होने लगी है. ऐसे में बच्चों को स्कूल (School) भेज रहे माता-पिता भी उनकी सेहत को लेकर खासा चिंतित हैं. पिछले साल तो वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर होने के बाद स्कूलों को बंद करने तक की नौबत आ गई थी. लिहाजा हालात को देखते हुए एक बार फिर से सवाल उठ रहे हैं कि प्रदूषण का ऐसा ही स्तर बना रहा, तो क्या इस बार भी स्कूल बंद हो सकते हैं ?
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फिलहाल दिल्ली में 29 अक्टूबर से ग्रैप का तीसरा चरण (Third stage of Grap) लागू है. ग्रैप के आखिरी चरण को AQI फोरकास्ट के आधार पर लागू किया जाएगा. आमतौर पर AQI 450 या इससे अधिक जाने की संभावना होगी, तब इसे लागू किया जाएगा. चूंकि बीते मंगलवार को AQI 424 पहुंच गई थी, ऐसे में सवाल उठना लामिजी है. दिल्ली ग्रैप का अंतिम चरण लागू होने पर दिल्ली में सिर्फ जरूरी सामान लेकर आने वाले ट्रकों की ही एंट्री होगी, हालांकि CNG और इलेक्ट्रिक ट्रकों को छूट मिलेगी, डीजल से चलने वाले मध्यम और बड़े ट्रकों के प्रवेश पर रोक लग जाएगी, लेकिन डीजल से चलने वाली बीएस-6 कारों को इसमें छूट मिलेगी.
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इसके अलावा NCR में PNG के अलावा अन्य ईंधन चे चलने वाले उद्योग बंद कर दिए जाएंगे. साथ ही निर्माण और तोड़ के पब्लिक प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी जाएगी. इसके अलावा दिल्ली-NCR के सरकारी और प्राइवेट ऑफिस में 50% क्षमता तक वर्क फ्रॉम होम का फैसला हो सकता है. केंद्र सरकार के दफ्तरों में भी वर्क फ्रॉम होम का फैसला लिया जा सकता है. साथ ही स्कूल, कॉलेज, संस्थानों को बंद करने के अलावा गाड़ियों पर ऑड ईवन से जुड़े फैसले लिए जा सकते हैं.