उत्तराखंड (Uttarakhand) के धंसते जोशीमठ (Sinking Joshimath) को बचाने के लिए धामी सरकार एक्शन मोड (Action Mode) में आ गई है. इसी कड़ी में राज्य सरकार ने खतरनाक हो चुके भवनों का सर्वे कराने और खतरे के हिसाब से उन्हें संवेदनशील, अति संवेदनशील और बफर जोन (Divided into Three Zones) में बांटने का फैसला किया है. बता दें कि घरों को तीन जोन में बांटने का फैसला सीएम धामी (Pushkar singh dhamiu) के मौका मुआयना के बाद लिया गया है. राज्य सरकार की मुस्तैदी का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि सीएम के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने भी खुद जोशीमठ में ही डेरा डाला है.
आर मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक चमोली के जिलाधिकारी को दो दिनों में सभी भवनों का सर्वे कराने और यहां के निवासियों का डेटाबेस तैयार करने का आदेश दिया गया है. खतरनाक जोन में बुरी तरह जर्जर भवन जबकि बफर जोन में उन घरों को रखा जाएगा जहां दरारें तो आईं लेकिन इनसे ज्यादा खतरा नहीं है. सेफ जोन में उन भवनों को शामिल किया जाएगा जहां ना तो दरार आई और ना ही वहां जमीन खिसकी.