जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में रविवार सुबह भूकंप के झटके (Earthquake) महसूस किए गए हैं. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप सुबह पांच बजकर 15 मिनट पर आया था, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.1 मापी गई है. भूकंप से किसी तरह के जानमाल की हानि की फिलहाल खबर नहीं है. भूकंप का केन्द्र श्रीनगर से 118 किलोमीटर दूर था. इससे पहले 28 अप्रैल को नेपाल में देर रात दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.8 और 5.9 बताई गई थी. इस भूकंप का केंद्र नेपाल के बाजुरा जिले के दाहाकोट में था. नेपाल के समय के मुताबिक, वहां भूकंप का पहला झटका करीब 12 बजे के आसपास आया वहीं, दूसरा रात करीब डेढ़ बजे आया था.
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं
रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते. रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं. इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है. ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते. वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं. इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है.