राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने डोरंडा ट्रेजरी केस (Doranda Treasury Case) मामले में दोषी करार दिया है. यह मामला डोरंडा कोषागार (Doranda Treasury) से 139 करोड़ रुपये की निकासी का है. डोरंडा केस (Doranda Treasury) और इस सुनवाई की तह में जाने के लिए हमें 30 साल पहले लौटना होगा जब 1990-95 के बीच डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी. अलग-अलग कोषागारों से निकाले गए धन में डोरंडा का मामला सबसे बड़ा था.
बड़े स्तर पर हुए इस घोटाले की परतें जब खुलीं, तो सन्न कर देने वाला सच सामने आया. कोषागार से जो रुपये निकाले गए उन्हें संदिग्ध रूप से पशुओं और उनके चारे पर खर्च होना बताया गया था. हालांकि जांच में सामने आया कि इसमें पशुओं को ढोने के लिए स्कूटर और मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया गया. अधिकारियों और नेताओं की सांठगांठ से हुए इस घोटाले में 400 सांड़ो को हरियाणा और दिल्ली से स्कूटर और मोटरसाइकिल से ढोया गया. इसका मतलब है कि पशु विभाग ने अपनी रिपोर्ट में जिन गाड़ियों का नंबर दिया था, वह मोटरसाइकिल और स्कूटर के नंबर थे.
सीबीआई की जांच में दावा किया गया है कि पशुओं के चारे, जैसे- बादाम, खरी, नमक, पीली मकई सरीखे कई टन वस्तुओं को स्कूटर, मोटरसाइकिल और उस जमाने में चलने वाली गाड़ी मोपेड का नंबर दिया गया था.
सीबीआई ने 1996 में अलग-अलग कोषागारों से गलत ढंग से अलग-अलग राशियों की निकासी को लेकर 53 मुकदमे दर्ज किए थे.
170 थे आरोपी, 55 की हुई मौत
टीवी चैनल आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, 53 मामलों में से डोरंडा कोषागार का मामला आरसी 47 (ए)/ 96 सबसे बड़ा है, इसमें सबसे ज्यादा 170 आरोपी शामिल थे. आरोपियों में से 55 की मौत हो चुकी है. दीपेश चांडक और आरके दास समेत सात आरोपियों को सीबीआई ने गवाह बनाया. सुशील झा और पीके जायसवाल ने कोर्ट के फैसले से पहले ही खुद को दोषी मान लिया था.
99 आरोपी, 6 फरार
डोरंडा कोषागार मामले में 6 नामजद आरोपी फरार हैं. इस मामले में, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद (Lalu Prasad Yadav), पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस, पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक डॉ केएम प्रसाद सहित 99 आरोपी हैं. मंगलवार को लालू यादव को दोषी करार दे दिया गया.
लालू को 5 में से 4 मामलों में मिली है सजा
चारा घोटाले से जुड़े 5 मामलों में से 4 में लालू को सजा मिल चुकी है. चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ की अवैध निकासी के मामले में लालू जमानत पर हैं. इसमें उन्हें 5 साल की सजा सुनाई गई थी. देवघर कोषागार से 79 लाख की अवैध निकासी के घोटले के दूसरे मामले में भी लालू को जमानत मिली हुई है. इस मामले में उन्हे साढ़े 3 साल की सजा सुनाई गई थी.
लालू यादव को 33.13 करोड़ के चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के तीसरे मामले में भी जमानत मिली थी. इस मामले में उन्हें 5 साल की सजा सुनाई गई थी. दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ की अवैध निकासी के चौथे मामले में उन्ंहे दो अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सज़ा सुनाई गई थी, लेकिन उसमें भी वे जमानत पर हैं.