नागपुर (Nagpur) के एक सरकारी अस्पताल (Hospital) में लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां अस्पताल में इलाज करा रहे 4 बच्चे एचआईवी (HIV) का शिकार हो गए. ये बच्चे खून चढ़ाने के बाद एचआईवी संक्रमित हो गए. इन बच्चों को थैलेसीमिया के इलाज के लिए खून चढ़ाया गया था. इसमें से एक बच्चे की मौत (Death) हो गई है. मामले के सामने आने के बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली और उसने अब इस गंभीर मामले में उच्च स्तरीय जांच बैठा दी है.
स्वास्थ विभाग (Health Department) के सहायक उप निदेशक डॉ आर के धाकाटे ने बताया, "चार बच्चे एचआईवी से संक्रमित हुए हैं, जिनमें से एक बच्चे की मौत हो गई है. हम सभी जानकारी एकत्र करेंगे और उच्च स्तरीय जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे." उन्होंने आगे कहा कि खाद्य एवं औषधि विभाग (FDA) ने भी मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है. थैलेसीमिया रोगियों को दिए गए खून का न्यूक्लिक एसिड टेस्ट (NAT) परीक्षण जल्द ही किया जाएगा.
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इन मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर ने कहा कि इलाज के दौरान उनका परीक्षण किया गया और उन्हें एचआईवी संक्रमित पाया गया. जब ब्लड बैंक द्वारा उन्हें दूषित रक्त दिया गया था तब वे कथित तौर पर एचआईवी और हेपेटाइटिस बी से संक्रमित पाए गए. उन्होंने आगे कहा कि खून की जांच के लिए एनएटी परीक्षण होना आवश्यक होता हैय लेकिन ब्लड बैंक में यह सुविधा नहीं होने के कारण बच्चों को यही खून चढ़ाया गया. इससे वे एचआईवी संक्रमित हो गए.