Ghaziabad fake gang rape case: गाजियाबाद से करीब 3 दिन पहले आई निर्भया ('Nirbhaya' case) जैसी वारदात की खबर झूठ निकली. पुलिस (Police) ने बड़ा खुलासा करते हुए पूरे मामले का पर्दाफाश किया है. पुलिस के मुताबिक, किडनैपिंग, गैंगरेप (Gangrape) या महिला के साथ निर्भया जैसी कोई दरिंदगी हुई ही नहीं थी. बल्कि खुद को पीड़ित बताने वाली महिला ने 56 लाख का मकान हड़पने (Property) के लिए ये साजिश रची और ये मास्टर प्लान उसके प्रॉपर्टी डीलर (Poperty dealer) दोस्त आजाद ने बनाया, जिसने अपने दो दोस्तों गौरव और अफजाल की मदद ली. पुलिस ने गुरुवार को इन तीनों को गिरफ्तार (Arrested) कर लिया और पूरे ड्रामे का भंडाफोड़ किया.
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गाजियाबाद पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि महिला बार-बार अपना बयान बदल रही थी, जिन पांच युवकों के साथ मकान पर विवाद चल रहा है, उन्हें ही नामजद कराया. लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच शुरू की और सबसे पहले पांचों नामजद आरोपियों और महिला की लोकेशन चेक की. जिससे पता चला कि नामजद युवक गाजियाबाद में नहीं थे. आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की गई. उधर, महिला ने पहले जिला अस्पताल में इलाज से मना किया. फिर मेरठ रेफर करने पर जाने से इनकार किया और दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भेजने की जिद की, जहां वो पहले नर्स का काम कर चुकी थी. जिससे पुलिस को शक हुआ. इसके बाद मेडिकल रिपोर्ट में भी महिला के साथ रेप की पुष्टि नहीं हुई. प्राइवेट पार्ट में रॉड डालने की कहानी भी झूठी निकली.
बता दें कि बीते मंगलवार को महिला के भाई ने नंदग्राम थाने में पांच लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. महिला ने भाई को बताया था कि पांचों ने उसे 16 की रात आश्रम रोड से स्कॉर्पियो गाड़ी में अगवा किया और दो दिन जंगल में रखकर गैंगरेप किया और उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दी. फिर जान से मारने के लिए उसे बोरी में बंद करके आश्रम रोड पर ही सड़क किनारे फेंक दिया. 18 अक्टूबर की सुबह करीब 3:30 बजे महिला गाजियाबाद के आश्रम रोड के पास पड़ी मिली थी,
लेकिन जांच में पता चला कि महिला ने 16 अक्तूबर की रात से 18 अक्तूबर की सुबह तक खुद को जंगल में बंधक बनाया, जबकि इस दौरान उसकी कई बार आजाद से बात हुई. उसे आरोपियों ने नहीं बल्कि उसके दोस्त आजाद ने ही बोरी में बंद किया और ये सब साजिश का हिस्सा था. हालांकि, महिला के भाई को इस साजिश के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, उसने वो ही कहा और किया, जैसा महिला ने उसे बयां किया. फिलहाल नर्स को आरोपी नहीं बनाया गया है, अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उससे पूछताछ होगी.