Morbi Bridge Collapse: गुजरात (Gujarat) के मोरबी (Morbi) क्षेत्र के माच्छू नदी में रविवार की शाम एक बड़ा हादसा हो गया, जब माच्छू नदी पर बना केबल ब्रिज टूटकर गिर गया, जिससे कई लोगों की मौत हो गई है. बता दें कि इस पुल के रिनोवेशन में दो करोड़ रुपये खर्च हुए थे और रिनोवेशन के बाद तीन दिनों पहले ही इस पुल को आम जनता के लिए खोला गया था. आज इस पुल से कई लोग अपने गंतव्य की ओर जा रहे थे कि पुल बीच में ही टूटकर गिर गया. आइए हम आपको बताते इस पुल के निर्माण की पूरी टाइमलाइन.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात के मोरबी कस्बे में मणि मंदिर के पास मच्छू नदी पर बना केबल ब्रिज अचानक टूटने से पुल पर सवार करीब 150 लोग डूब गए और उनमें से अब तक 40 से ज्यादा लोगों के मौत मौत की खबर है. ऐसा अनुमान है कि जिस समय यह पुल गिरा उस समय 150 से 400 लोग पुल पर सवार थे.
यह पुल साल 1879 में बना थ, यानी यह पुल 143 साल पुराना था और उस जमाने में यह पुल साढ़े 3 लाख में बना था. लोग इस पुल को झूलता पुल बोलते थे. इस पुल की लंबाई 765 फीट थी. ओरेवा ग्रुप को रिनोवेशन के लिए दो करोड़ रुपये दिए गए थे और उसकी मरम्मत की गई थी.
रिनोवेशन के लिए पुल सात महीने तक बंद रहा था और इस पुल के रख रखाव की जिम्मेदारी ओरेवा ट्रस्ट को दी गई थी. रिनोवेशन के बाद तीन दिन पहले पुल को खोला गया था और आज ये हादसा हो गया. जानकारी के मुताबिक मोरबी के झूलते पुल को नगरपालिका से फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं मिला था. फिर भी ये पुल चालू कर दिया गया. अब सवाल ये उठता है कि आखिर इस हादसे के लिए किसको जिम्मेदार कौन है?
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