ज्ञानवापी मामले ( Gyanvapi Case ) पर वाराणसी कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा ( Court Commissioner Ajay Mishra ) नहीं हटाए जाएंगे. कोर्ट ने फैसला दिया है कि अजय मिश्रा के साथ एक और कमिश्नर नियुक्त होंगे. सर्वे कर 17 मई तक कोर्ट में रिपोर्ट सौंपनी होगी. कोर्ट ने कहा है कि शासन, प्रशासन के सहयोग से सर्वे पूरा कराया जाएगा. जिलाधिकारी इसकी मॉनिटरिंग करेंगे. कोर्ट ने कहा कि अगर कोई सर्वे की कार्रवाई में कोई रुकावट पैदा करता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए.
गौरतलब है कि विश्व वैदिक सनातन संघ ( Vishwa Vedic Sanatan Sangh ) के जितेन्द्र सिंह बिसेन के नेतृत्व में राखी सिंह व अन्य ने अगस्त 2021 में अदालत में एक मुकदमा दायर कर शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा की मांग की थी.
सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गत 26 अप्रैल को अजय कुमार मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी-सर्वे करके 10 मई को अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था. मिश्रा ने वीडियोग्राफी और सर्वे के लिए छह मई का दिन तय किया था.
छह मई को सर्वे का काम शुरू हुआ था. मुस्लिम पक्ष ने बिना आदेश के ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी कराने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए अदालत द्वारा नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर पर पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाया था और उन्हें बदलने की अदालत में अर्जी दी थी.