Gyanvapi Survey: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi mosque) में एएसआई (ASI) का सर्वे शुक्रवार सुबह से जारी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सर्वे के दौरान एएसआई की 51 सदस्यों वाली टीम के अलावा 16 और लोगों को मस्जिद में अंदर जाने की मंजूरी मिली है. इसमें मुस्लिम पक्ष के नौ और हिंदू पक्ष के सात सदस्य हैं. हिंदू पक्ष के सभी सदस्य मस्जिद के अंदर गए जबकि मुस्लिम पक्ष के सदस्यों ने इसका बहिष्कार किया.
यह भी देखें: Gyanvapi Mosque: शुरू हुआ ज्ञानवापी मस्जिद में ASI का सर्वे, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट देगा अंतिम निर्णय
जीपीआर (GPR) तकनीक से बिना खुदाई सर्वे
खास बात यह है कि एएसआई ज्ञानवापी में यह सर्वे बिना किसी खुदाई या ड्रिलिंग के कर रही है. इसके लिए जीपीआर (ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार) तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. जीपीआर तकनीक से बिना ज़मीन खोदे इसके 10 मीटर भीतर तक धातु और बाकी संरचनाओं के बारे में जानकारी मिल जाती है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक दिन पहले ही ज्ञानवापी में सर्वे की इजाज़त दी थी. हालांकि अदालत ने कहा था कि इस दौरान मस्जिद के ढांचे से कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती और न ही किसी तरह की खुदाई या ड्रिलिंग हो सकती है. कोर्ट ने यह भी कहा था कि मस्जिद परिसर में मौजूद हिंदू प्रतीकों से भी किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए.
मामले की संवेदनशीलता के मद्देनज़र वाराणसी में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं और पूरा शहर हाई अलर्ट पर है. साथ ही, मस्जिद परिसर की सुरक्षा के लिए खास व्यवस्था की गई है. वाराणसी के जिलाधिकारी ने कहा है कि जिला प्रशासन इस सर्वे में एएसआई का पूरा सहयोग कर रहा है.
कैसे और क्यों शुरु हुआ सर्वे?
साल 2021 में पांच महिलाओं ने वाराणसी की एक सिविल अदालत में याचिका दायर कर मस्जिद के साथ स्थित शृंगार गौरी, गणेश, हनुमान और नंदी की नियमित पूजा और दर्शन के लिए अनुमति मांगी थी.
मुस्लिम पक्ष ने इस मामले में अदालत का दरवाजा खटखटाया है. शीर्ष अदालत शुक्रवार को इस बारे में फैसला सुनाने वाली है.