पंजाब में बीते दो दिनों से हो रही बारिश ने भारी कहर मचाया हुआ है. राज्य के कई शहरों में जलभराव से लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. चंडीगढ़ में जुलाई माह में शनिवार से रविवार तक 24 घंटे की सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिसने लगभग 23 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. चंडीगढ़ प्रशासन को भारी बारिश के कारण सुखना लेक के गेट खोलने पड़े हैं, जिसके चलते कई इलाकों में भारी जलभराव कर स्थिति है. वहीं, मोहाली में भी बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. मोहाली में तो एनडीआरएफ की टीम बुलाई गई है. पंजाब के बिगड़ते हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान भी अलर्ट है. उन्होंने विधायकों और अधिकारियों को फील्ड में जाने के निर्देश दिए है.
पंजाब में प्रशासन ने दरिया के साथ लगते जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है और लोगों को घरों से बाहर न निकलने की हिदायत दी है. मौसम विभाग के मुताबिक राज्य में 60 किमी प्रति घंटा की हवाओं के बीच फिर भारी बारिश होने की संभावना है.
लगातार बारिश के बाद पंजाब के मोहाली में जलभराव की स्थिति देखी गई और शहर के सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है. पटियाला के अधिकांश हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति देखी गई क्योंकि बारिश का पानी पुराने शहर क्षेत्र में लोगों के घरों में घुसा है. जलस्तर में वृद्धि के कारण घग्गर नदी के किनारे के निवासियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
भारी बारिश के कारण फिरोजपुर जिले के ममदोट इलाके में भारत-पाक सीमा पर लगी बाड़ क्षतिग्रस्त होने की खबर है. मोगा, फिरोजपुर जिलों में भी सतलुज का जलस्तर बढ़ गया है. मौसम विभाग का कहना है कि अगले 24 घंटों में अमृतसर, गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला, लुधियाना, मनसा, मुक्तसर, पटियाला, संगरूर और तरनतारन में भारी बारिश होने की संभावना है.
चंडीगढ़ में बारिश ने अपना 23 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. यह इस सीजन की 24 घंटों में अब तक की सबसे अधिक बारिश है. आईएमडी के मुताबिक चंडीगढ़ में 24 घंटे में 322.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है. शहर में इससे पहले 18 जुलाई 2000 को 262 मिमी बारिश दर्ज की गई थी. भारी बारिश के कारण शहर के कई हिस्सों में जलभराव और ट्रैफिक जाम हो गया है.