कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. हाल ही में मामले को सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच को भेजने के फैसले के बाद एक बार फिर अलग-अलग राज्यों से हिजाब को लेकर विवाद और हंगामे की खबरें आ रही है. इसी कड़ी में बिहार के मुजफ्फरपुर से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां इंटरमीडिएट की परीक्षा देने आई एक छात्रा ने MDDM कॉलेज प्रशासन और प्रोफेसर पर परीक्षा के दौरान हिजाब उतारने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया.
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छात्रा का आरोप है कि रविवार को एक परीक्षा के दौरान जब उसने अपना हिजाब उतारने से मना कर दिया, तो एक टीचर ने उसपर देशद्रोही होने और पाकिस्तान जाने जैसी आपत्तिजनक टिप्पणी की.
हालांकि, प्रिंसिपल का दावा है कि 'हिजाब का कोई मामला ही नहीं था. छात्रा को हिजाब पहनने से नहीं रोका गया था, ब्लूटूथ डिवाइस होने की आशंका के चलते उसे बस अपने कान दिखाने के लिए कहा गया था. लेकिन, उसने जानबूझ कर हंगामा किया, क्योंकि रिकॉर्ड के मुताबिक छात्रा की उपस्थिति बेहद कम थी और शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किया है कि 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले किसी भी छात्र को अंतिम परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी. छात्रा ने ऐसा कॉलेज प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए किया होगा'.
प्रिंसिपल ने देशद्रोही जैसी टिप्पणी की छात्रा के आरोपों पर भी कहा कि, उस वक्त मैं परीक्षा हॉल में नहीं थी, लेकिन वहां मौजूद बाकी लड़कियों ने बताया कि टीचर ने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की थी. वहीं, इलाके के थाना प्रभारी का कहना है कि दोनों पक्षों से पूछताछ की गई है और परीक्षा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई. फिलहाल मामला दर्ज नहीं किया गया है, लेकिन हम स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं.