तमिलनाडु (TamilNadu) के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. के पोनमुडी (Dr K Ponmudy) ने शुक्रवार को कहा कि हिंदी बोलने वाले कोयंबटूर में पानी-पुरी (गोलगप्पे) बेचते हैं. कोयंबटूर स्थित भरथियार विश्वविद्यालय के 37वें दीक्षांत (Bharathiar University convocation) में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, भाषा के तौर पर हिंदी से ज्यादा अंग्रेजी महत्वपूर्ण है. हिंदी सीखने वालों के लिए नौकरी मौजूद होने के संबंध में जोर देने वालों पर निशाना साधते हुए मंत्री ने पूछा कि अभी शहर में 'पानी पुरी' कौन लोग बेच रहे हैं. उनका इशारा स्पष्ट रूप से इस काम में शामिल हिंदी भाषी लोगों की ओर था.
राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा, तमिल छात्र भाषाएं सीखना चाहते हैं, हिंदी उनके लिए वैकल्पिक विषय होना चाहिए न कि अनिवार्य. छात्रों को संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 की अच्छी बातों को लागू किया जाएगा. लेकिन उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार दो भाषा प्रणाली लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है.
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कनवोकेशन के मंच पर तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवी भी मौजूद थे. डॉ. के पोनमुडी ने प्रश्न उठाया कि अगर एक अंतरराष्ट्रीय भाषा अंग्रेजी सिखाई जा रही है तो कोई हिंदी क्यों सीखना चाहेगा? उन्होंने दावा किया कि भारत में तमिलनाडु शिक्षा प्रणाली के मामले में सबसे आगे है. उन्होंने कहा, तमिल छात्र कोई भी भाषा सीखने को तैयार हैं. हालांकि, हिंदी एक वैकल्पिक विषय होना चाहिए, अनिवार्य नहीं
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