लगातार बढ़ती महंगाई से लोग परेशान हैं. पेट्रोल, डीजल (petrol-diesel), रसोई गैस और CNG के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं. ये वो चीजें हैं जिनके दाम बढ़ने का हमें सीधे पता चलता है. महंगाई की मार (Effect of inflation) ने डेली यूज के प्रोडक्ट्स (daily use products) को भी नहीं छोड़ा है. भले ही डेली यूज के प्रोडक्ट्स के दाम ना बढ़े हों, लेकिन वे महंगे हो गए हैं. पारले-जी बिस्किट, बीकाजी नमकीन और कोलगेट टूथपेस्ट ऐसे ढेरों प्रोडक्ट हैं, जिनकी कीमत 1 पैसा भी नहीं बढ़ी, लेकिन फिर भी ये महंगे हो गए.
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये कैसे हो सकता है? तो चलिए हम आपको समझाते हैं कि आपको बिना बताए आपकी जेब कैसे काटी जा रही है ?
दरअसल इन प्रोडक्ट के रेट बढ़ाने के बजाए क्वांटिटी कम कर दी गई है. जैसे पारले-जी बिस्किट की कीमत (Parle-G Biscuit Price) फरवरी में भी 5 रुपए थी और अब भी 5 रुपए ही है, लेकिन वजन 64 ग्राम से घटाकर 55 ग्राम हो गया है.
कोलगेट के टूथपेस्ट (Colgate's Toothpaste) 10 रुपये वाले पैकेट का वजन 25 ग्राम से घटाकर 18 ग्राम कर दिया गया है. यानी कोलगेट ने अपने 10 रुपये के टूथपेस्ट में 7 ग्राम की कटौती की है
कैडबरी सेलिब्रेशन (Cadbury Celebration) पहले 100 रुपये में 150 ग्राम चॉकलेट का पैकेट देता था. जो अब घटकर 100 ग्राम हो गया है. यानी पूरे 50 ग्राम की कटौती.
इतना ही नहीं पहले 30 रुपये के पैकेट में 10 सेनेटरी पैड (sanitary pads) आते थे. जिन्हें अब घटाकर 7 कर दिया है.
बीकाजी कंपनी पहले 10 रुपये में 80 ग्राम नमकीन (Bikaji Namkeen) देती थी. जिसे अब घटाकर आधा यानी 40 ग्राम कर दिया गया है
दरअसल ये कंपनियों की मार्केटिंग स्ट्रेटजी (marketing strategy) होती है. भारत में 90% ग्राहक क्वांटिटि की जगह सिर्फ कीमत पर ध्यान देते हैं. ग्राहकों की इसी कमजोरी का फायदा कंपनियां उठाती हैं. अब कंपनियां कीमतों में बढ़ोतरी ना करके वजन में कटौती कर रही हैं.