जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) का पॉलिटिकल मैप पूरी तरह से बदल जाएगा. जम्मू-कश्मीर पर गठित 3 सदस्यीय परिसीमन आयोग ( delimitation commission ) ने अपने अंतिम आदेश पर हस्ताक्षर कर दिये हैं. आयोग ने अपना कार्यकाल खत्म होने से एक दिन पहले ऐसा किया.
जम्मू-कश्मीर में कितनी सीटें होंगी?
न्यायमूर्ति (रिटायर्ड) रंजना देसाई के नेतृत्व वाले आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश में सीटों की संख्या 83 से बढ़ाकर 90 करने का प्रस्ताव रखा है. इसके अलावा, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 24 सीटें हैं, जो हमेशा खाली रहती हैं. परिसीमन आयोग की रिपोर्ट में 2 सीटें कश्मीरी प्रवासियों के लिए रिजर्व करने का प्रस्ताव है. परिसीमन आयोग की रिपोर्ट में इस प्रस्ताव के लिए कश्मीरी प्रवासी ( Kashmiri Migrants ) शब्द का इस्तेमाल किया गया है.
अनुसूचित जनजाति के लिए भी सीटें
पहली बार अनुसूचित जनजातियों के लिए 9 सीटों का प्रस्ताव किया गया है. आयोग ने जम्मू के लिए 6 और कश्मीर के लिए एक खाली सीट का भी प्रस्ताव रखा है. अभी तक कश्मीर में 46 और जम्मू में 37 सीटें हैं. मार्च 2020 में गठित आयोग को पिछले साल, एक साल का विस्तार दिया गया था.
3 सदस्यीय परिसीमन आयोग
न्यायमूर्ति (रिटायर्ड) रंजना देसाई के अलावा मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा और जम्मू-कश्मीर के राज्य चुनाव आयुक्त, परिसीमन आयोग के पदेन सदस्य हैं. फरवरी में, आयोग का कार्यकाल फिर से दो महीने के लिए बढ़ाया गया. पहले इसका कार्यकाल 6 मार्च को समाप्त होना था.
इस आदेश की एक कॉपी और रिपोर्ट सरकार को दी जाएगी. इसमें निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या और उनके क्षेत्रफल की जानकारी होगी. इसके बाद एक गजटेड नोटिफिकेशन के जरिए आदेश जारी किया जाएगा.