Delhi: जहांगीरपुरी हिंसा मामले (Jahangirpuri Violence) में दिल्ली की रोहिणी कोर्ट (Rohini court) ने दिल्ली पुलिस (Police) को जमकर फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया में यह दिल्ली पुलिस की विफलता को दर्शाता है. अदालत ने दोषी अधिकारियों (guilty officers) पर जवाबदेही तय करते हुए जांच के आदेश दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और पुलिस अवैध गतिविधियों को रोकने में असफल न हो. इसके साथ ही अदालत ने दिल्ली पुलिस के सामने कुछ सवाल भी उठाए हैं.
दिल्ली पुलिस को फटकार
- बिना इजाजत इलाके में जुलूस कैसे निकला?
- दिल्ली पुलिस अधिकारी जुलूस के साथ थे
- कमिश्नर दोषी अधिकारियों की जवाबदेही तय करें
- कोर्ट ने पुलिस आयुक्त से मामले की जांच करने को कहा
- अधिकारियों ने इस मुद्दे को दरकिनार किया
- पुलिस अवैध गतिविधियों को रोकने में हमेशा तत्पर हो
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वहीं जहांगीरपुरी सांप्रदायिक हिंसा मामले में शामिल 8 लोगों की जमानत रोहिणी कोर्ट ने खारिज (bail canceled) कर दी है. अदालत का कहना है कि आरोपी व्यक्तियों को जमानत पर रिहा करने से गवाह प्रभावित हो सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि पुलिस के मुताबिक, यह आरोपी स्थानीय बदमाश हैं, जिनकी वजह से लोग सामने आकर गवाही देने को तैयार नहीं हैं.
वहीं पुलिस की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के मौके पर दो जुलूसों के निकलने की इजाजत ली गई थी, जबकि यह तीसरा जुलूस जिसके दौरान साम्प्रदायिक हिंसा हुई उसकी अनुमति नहीं ली गई थी. अदालत को पुलिस ने बताया कि वह तीसरे जुलूस को भी सुरक्षा दे रहे थे.
बता दें जहांगीरपुरी हिंसा केस में पुलिस ने अभी तक 3 नाबालिगों समेत 36 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस हिंसा में आठ पुलिसकर्मी और एक नागरिक घायल हुआ था.