Jharkhand news: झारखंड में (Jharkhand) सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) के विधायक के रूप में बने रहने को लेकर जारी भ्रम के बीच सीएम हेमंत सोरेन सोमवार को विश्वास मत (vote of trust) प्राप्त करने के लिए विधानसभा (Assembly) के विशेष सत्र (special session) के दौरान प्रस्ताव रखेंगे. विधानसभा सचिवालय द्वारा विधायकों को भेजे गए पत्र के अनुसार, मुख्यमंत्री ने बहुमत साबित करने के लिए विश्वास मत प्रस्ताव लाने की इच्छा जाहिर की है.
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जानकारी के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (bjp) ने सदन में अपनी रणनीति तैयार करने के लिए विधायक दल की बैठक रविवार को बुलाई है. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि "झारखंड में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. हमारे प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को राज्यपाल से मुलाकात की थी और उन्होंने हमें एक या दो दिन में स्थिति साफ करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. इसलिए हम विधानसभा में अपनी बात रखेंगे और बहुमत साबित करेंगे।"
बता दें राज्य में राजनीतिक संकट पैदा तब पैदा हुआ, जब सोरेन को लाभ के पद के मामले में विधानसभा से अयोग्य ठहराने की बीजेपी की याचिका के बाद, 25 अगस्त को चुनाव आयोग (ईसी) ने राज्यपाल रमेश बैस को अपना फैसला भेजा था, हालांकि चुनाव आयोग के फैसले को अभी तक आधिकारिक नहीं किया गया है.
हालांकि झारखंड में सत्तारूढ़ यूपीए ने जोर देकर कहा था कि विधायक के रूप में सीएम की अयोग्यता सरकार को प्रभावित नहीं करेगी, क्योंकि झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन को 81 सदस्यीय सदन में पूर्ण बहुमत प्राप्त है. इस मुद्दे पर एक सितंबर को यूपीए विधायकों के साथ बैठक के बाद राज्यपाल शुक्रवार को दिल्ली गए थे, जिससे और अटकलें तेज हो गईं थी. 28 अगस्त को एक संयुक्त बयान में, यूपीए घटकों ने बैस पर निर्णय की घोषणा में जानबूझकर देरी करके राजनीतिक खरीद-फरोख्त को प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया था.
सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का मानना है कि भाजपा महाराष्ट्र की तरह सरकार को गिराने के लिए पार्टी और सहयोगी कांग्रेस के विधायकों को भी अपने तरफ करने की गंभीर कोशिश कर सकती है. विधायकों को सुरक्षित रखने के लिए, सत्तारूढ़ गठबंधन के 32 विधायकों को 30 अगस्त को कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ की राजधानी में एक रिसॉर्ट में ले जाया गया था. वर्तमान में 81 सदस्यीय सदन में सबसे बड़ी पार्टी झामुमो के 30, कांग्रेस के 18 और राजद के एक विधायक हैं जबकि मुख्य विपक्षी दल भाजपा के 26 विधायक हैं.