आपने अक्सर सुना होगा कि बच्चों ने स्कूल की बेंच तोड़ दी तो कभी लाइट निकाल दी, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी बच्ची से मिलाने जा रहें हैं जिसने अपने गुल्लक के पैसों से स्कूल के लिए शौचालय बनवाएं. जी हां आपने सही सुना है. दरअसल जमशेदपुर की 12वीं में पढ़ने वाली मुद्रिता चटर्जी ने ये कारनामा कर दिखया है.
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पीएम मोदी से मिली थी प्रेरणा
मुद्रिता ने ANI से बात करते हुए कहा कि "2 अक्टूबर 2014 को जब लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की तब उन्होंने अपने भाषण में इस बात का जिक्र किया था कि स्कूल में शौचालयों के अभाव में कई लड़कियों को अपने स्कूल से ड्राप आउट होना पड़ता है. इसी बात से प्रेरित होकर मैंने इस और कदम उठाने का निर्णय लिया".
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24 हजार रुपये की लागत से बनवाया था पहला शौचायल
बताते चले कि मुद्रिता ने अभी तक 10 शौचालयों का निर्माण करवाया है. मुद्रिता ने केन्डडीह गांव में 24 हजार रुपये की लागत से पहला शौचायल बनवाया था. जिसके बाद से ये सिलसिला क्रमवार चलता आ रहा है. जानकारी के मुताबिक मुद्रिता, स्वच्छ भारत मिशन जमशेदपुर की ब्रांड एम्बेसडर भी चुनी गई है.