Sticky bomb used in J-K Bus fire incident: कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) में आतंकी हमले (Terrorist attack) को लेकर एक चौकाने वाला खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक कुछ दिनों पहले एक बस पर हुए आतंकी हमले में ‘स्टिकी बम’के इस्तेमाल करने की बात सामने आई है. कुछ इसी तरह के बमों का इस्तेमाल अफगानिस्तान में अमेरिका या यूं कहें नाटो सेनाओं ने किया था. स्टिकी बम भी एक तरह का इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) है. इस हमले में चार लोग मारे गए थे, जबकि 24 घायल हुए थे. फिलहाल इस मामले की जांच NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) कर रही है.
‘डॉयचे वेले’ वेबसाइट के मुताबिक- हमले की जिम्मेदारी जम्मू-कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स नाम के एक संगठन ने ली थी. संगठन ने यह दावा किया है कि बस पर हमले के लिए स्टिकी बम का इस्तेमाल किया गया था. इस स्टिकी बम को किसी भी व्हीकल पर चलते-चलते चिपकाया जा सकता है और बाद में रिमोट से ब्लास्ट किया जा सकता है.
और पढ़ें- Uttar Pradesh: लाउडस्पीकर और स्पीड ब्रेकर समेत कई मुद्दों पर सीएम योगी के निर्देश, जानें यहां
यह रिपोर्ट कश्मीर के लिए खतरनाक संकेत है. भारतीय सेना के अफसरों का कहना है कि फरवरी 2021 में सुरक्षा बलों ने ऐसे दर्जनों बम बरामद किए थे, जिन पर अमेरिकी स्टाम्प मौजूद हैं. अफगानिस्तान का बॉर्डर पाकिस्तान से मिलता है. यहीं से पाकिस्तान के जरिए यह हथियार कश्मीर पहुंचाए जा रहे हैं.
बता दें, अफगानिस्तान में नाटो फौज और तालिबान दोनों इस तरह के बम इस्तेमाल करते थे.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नाटो सेना ने लौटते हुए अफगानिस्तान में कई आधुनिक हथियार छोड़ दिए थे. उन्हीं में से एक M4 कारबाइन राइफल कश्मीर में भी बरामद हुआ है. कुछ वीडियोज में M1911 पिस्टल्स, M249 ऑटोमैटिक राइफल, 509 टेक्टिकल गन और M4 कारबाइन राइफल्स भी नजर आई हैं.
इसके अलावा आतंकियों के पास इरीडियम सैटेलाइट फोन और थर्मल इमेजरी डिवाइस होने का भी शक है. ऐसे में शक है कि आने वाले समय में आतंकी, कश्मीर घाटी में किसी बड़े हमले को अंजाम दे सकते हैं.