यूपी के कानपुर (Kanpur) से एक बेहद ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक परिवार डेढ़ साल तक शव को घर में रख (dead body in home) उसका सेवा करता रहा. हर रोज कपड़े और बिस्तर बदलते, मालिश करते और डेटॉल से सफाई करते रहते. परिवार को यकीन ही नहीं था कि वह मर चुका है. सभी उसे बीमार मान रहे थे. परिवार के 10 से ज्यादा सदस्य शव के साथ रहते रहे. उनका मानना था कि उनका इनकम टैक्स अधिकारी (Income Tax Officer) बेटा अभी जिंदा है.
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'कोमा में है बेटा'
ये पूरा मामला मामला छपेड़ा पुलिया स्थित शिवपुरी इलाके का है. परिवार ने लोगों को बताया था कि उनका बेटा विमलेश कुमार कोमा (coma) में है. हालांकि, अस्पताल ने डेढ़ साल पहले ही उनका डेथ सर्टिफिकेट (death certificate) जारी कर दिया था. कोरोना की दूसरी लहर (Corona second wave) में 22 अप्रैल 2021 को विमलेश की मौत हो गई थी. 23 अप्रैल की सुबह अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू हुई. अचानक परिजनों ने यह कहकर अंतिम संस्कार को मना कर दिया कि विमलेश को होश आ गया है. हाथ में ऑक्सीमीटर (Oximeter) लगाया तो पल्स रेट और ऑक्सीजन लेवल बताने लगा. परिवार को भरोसा था कि विमलेश मरा नहीं, वह कोमा में है.
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खुलासा कैसे हुआ ?
इस पूरे मामले का खुलासा उस वक्त हुआ, जब शुक्रवार को आयकर विभाग की टीम विमलेश के घर पहुंची. दरअसल, विमलेश लगातार ड्यूटी पर नहीं जा रहा था. आयकर विभाग की टीम उनकी तलाश करते हुए घर तक पहुंची. वहां टीम ने जो देखा उसे देख सब हैरान रह गए. विमलेश की लाश ममी जैसी बन चुकी थी.