जब मां ने नीलकंठ धाम में जलाभिषेक करने की इच्छा जताई तो खुशी को मां की आज्ञा का पालन न करना नागवार गुजरा. फिर क्या था, खुशी ने साइकिल खड़ी की और उस पर अपनी मां को पीछे बैठाकर करीब 80 किमी दूर नीलकंठ धाम आ पहुंची.
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कांवड़ यात्रा के बीच रविवार को धाम में जलाभिषेक करने के बाद वापस लौट रही खुशी और उसकी मां सुषमा देवी की खुशी देखने लायक थी. सुषमा देवी का कहना है कि उनकी 14 साल की बेटी ने उन्हें साइकिल पर बिठाकर नीलकंठ धाम तक ले गई. 22 जुलाई को वह घर से नीलकंठ धाम के लिए निकले थे. 23 जुलाई शाम लक्ष्मणझूला पहुंचे. 24 जुलाई को सुबह नीलकंठ में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के बाद वापस रुड़की लौट आए. मां का कहना है कि उनकी बेटी उनके लिए किसी श्रवण कुमार से कम नहीं है.