Kerala Doctor killed: केरल के कोल्लम जिले में मंगलवार को 22 साल की डॉक्टर वंदना दास (Dr.vandana Das) की कैंची और सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले ब्लेड से हत्या (Killed) कर दी गई. चौंकाने वाली बात ये हैं कि डॉक्टर की हत्या उस शख्स ने की, जिसका वो इलाज कर रही थी. बताया जा रहा है कि आरोपी शख्स को पुलिस मेडिकल के लिए कोट्टारक्कारा के तालुक अस्पताल लेकर आई थी.
बाद में ADGP (कानून व्यवस्था) एम. आर अजित कुमार ने बताया कि आरोपी को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था, और ड्रेसिंग के दौरान उसने डॉक्टर पर हमला कर दिया. वहीं, इस पूरी वारदात के बाद हड़कंप मच गया, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और सीएम पिनाराई विजयन भी KIMS अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टर वंदना दास का पार्थिव शरीर रखा गया था. उधर, डॉ वंदना दास की हत्या से आक्रोशित मेडिलक छात्रों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया.
आरोपी व्यक्ति को परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट में घायल होने के बाद पुलिस अस्पताल ले कर आई थी. युवा डॉक्टर की हत्या से निराश केरल उच्च न्यायालय ने कहा कि यह घटना पुलिस और सरकार की विफलता का परिणाम है.
सरकार और पुलिस के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि यह डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर उनकी 'नाकामी' को दर्शाता है. कोट्टारक्कारा पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी की पहचान संदीप के रूप में हुई है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में जब डॉक्टर वंदना दास, आरोपी के पैर के घाव की मरहम-पट्टी कर रही थीं तभी वह अचानक हिंसक हो गया और कैंची तथा सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले ब्लेड से वहां खड़े सभी लोगों पर हमला कर दिया. अधिकारी ने बताया कि यह घटना बुधवार तड़के की है. हमले में बुरी तरह घायल डॉक्टर को तिरुवनंतपुरम में एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी कुछ की घंटों में मौत हो गई. अधिकारी के मुताबिक, आरोपी को अस्पताल लेकर आए पुलिस कर्मी भी हमले में घायल हो गए. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने डॉक्टर की मौत पर शोक व्यक्त किया और कहा कि यह घटना 'चौंकाने वाली और बेहद दर्दनाक' है. उन्होंने कहा कि मामले की विस्तृत जांच की जाएगी.
विजयन ने एक बयान में कहा, 'ड्यूटी के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला अस्वीकार्य है. सरकार चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों पर हमलों के मामलों में कड़ी कार्रवाई करेगी. वहीं, उच्च न्यायालय ने कहा कि पुलिस को प्रशिक्षित किया गया था और उनसे महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा की उम्मीद की गई थी, लेकिन वे युवा डॉक्टर की सुरक्षा करने में विफल रहे.