भगवान कृष्ण की नगरी में मथुरा (Mathura) में होली का रंग चढ़ गया है. बुधवार को नंदगांव (Nandgaon) और बरसाने (barsane) में धूम-धाम से ‘लट्ठमार’ होली (Lathmar Holi) खेली गई. इसके लिए नंदगांव से सखा बरसाने आए और बरसाने की गोपियों ने उन पर लाठियां बरसाई. दरअसल हुरियारे यानी होली खेलने वालों की टोली यशोदा कुंड पहुंची. फिर सिर पर पगड़ी बांधकर मैदान में उतर गए, लेकिन हुरियारिनों ने उन पर लाठियां बरसा दीं. लाठियों का सामना करने के बाद होली खेलने वालों की टोली नंदभवन पहुंची. टोली के लोगों ने हुरियारिनों के पैर छूकर हंसी ठिठोली के लिए क्षमा मांगी.
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इस परंपरा के बारे में कहा जाता है कि कन्हैया नंदगांव से अपनी मित्र मंडली के साथ होली खेलने बरसाना जाते थे. वो राधा व उनकी सखियों से हंसी ठिठोली करते थे, तो राधा व उनकी सखियां नन्दलाल और उनकी टोली (हुरियारे) पर प्रेम भरी लाठियां बरसाती थीं. लट्ठमार होली के बाद अब रंगभरनी एकादशी पर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में फूलों से होल खेली जाएगी.