ये नजारा महाराष्ट्र के नाशिक (Nashik) में बुलाई गई धर्म संसद का है. जहां भगवान हनुमान के जन्मस्थान (Hanuman Birthplace) को लेकर शास्त्रार्थ के दौरान संतो (Sant) के बीच मारपीट की नौबत आ गई. इस दौरान एक संत ने कर्नाटक के गोविंदानंद को माइक से मारने की कोशिश की. इस दौरान दोनों के बीच तू-तू- मैं-मैं भी खुब हुई. इस वजह से शास्त्रार्थ को रद्द कर दिया. लेकिन धर्म संसद (Dharma Sansad) में जिस तरह से संतों के बीच माहौल गरमाया. उसने सभी का ध्यान खींचा. हंगामें की शुरुआत तब हुई जब नाशिक के संतों ने पूछा कि गोविंदानंद सरस्वती किसके शिष्य हैं? तब उन्होंने जगतगुरु शंकराचार्य का नाम लिया, जिसपर सुधिरदास पुजारी नाम के संत ने कहा कि वो तो कांग्रेस को समर्थन करते हैं. इस पर गोविंदानंद सरस्वती ने उंगली दिखाते हुए कहा कि आप उन्हें कांग्रेसी बोल रहे हैं. आप की हिम्मत कैसे हुई? माफी मांगिए. इसके बाद सुधीरदास ने गोविंदानंद को मारने के लिए मीडिया का माइक उठा लिया.
ये भी पढ़ें-Aadhar Card, रुपये-पैसे से भी जरूरी क्यों... बड़े खतरे को निमंत्रण तो नहीं सरकार का रवैया?
इससे पहले नाशिक के अजनेरी गांव में हुई इस धर्म संसद की शुरुआत भी हंगामेदार थी. शुरू में धर्म संसद में बैठने को लेकर संतों के बीच में विवाद हुआ. किष्किंधा में भगवान हनुमान के जन्मस्थान का दावा करने वाले महंत गोविंद दास एक भगवा कुर्सी पर बैठे थे. वहीं और संतों के लिए जमीन पर बैठने का इंतजाम था. इस पर संत नाराज हो गए और उन्होंने उस धर्म संसद का बहिष्कार कर दिया. बाद में महंत गोविंद दास जमीन पर बैठने को तैयार हो गए. बता दें हनुमानजी की जन्मभूमि कर्नाटक के किष्किंधा में या फिर महाराष्ट्र के अंजनेरी में? इसे लेकर महाराष्ट्र के नाशिक में धर्म संसद बुलाई गई.
ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें