Indian Railway: रेलवे विभाग की तरफ से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां 168 चूहों (168 rats) को पकड़ने के लिए रेलवे ने 69 लाख रुपये खर्च कर दिए. मामला उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल (Lucknow division) का है, जहां तीन सालों में चूहों को पकड़ने के लिए 69 लाख रुपये खर्च किए गए. इस बात की जानकारी एक आरटीआई के जवाब में मिली.
दरअसल, मध्य प्रदेश के रहने वाले आरटीआई एक्टविस्ट चंद्रशेखर गौड़ ने रेलवे पांच मंडल दिल्ली, अंबाला, लखनऊ, फिरोजपुर और मुरादाबाद से इस बारे में जानकारी मांगी थी, जिसमें से सिर्फ लखनऊ मंडल का जवाब आया. बताया गया कि- उत्तर रेलवे ने चूहों के आतंक से निपटने के लिए एक साल में 23.2 लाख रुपये खर्च किए.
मामले पर आप सांसद संजय सिंह ने भी ट्वीट करके सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि- '168 चूहे पकड़ने में रेलवे ने खर्च किये 69 लाख रू, कहाँ है ED CBI?'
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हालांकि मीडिया में चल रही इस तरह की खबरों के बीच लखनऊ मंडल की तरफ से जवाब आया- लखनऊ मंडल ने मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन करते हुए जानकारी को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है.
रेलवे अधिकारी का कहना है कि इस राशि में सिर्फ चूहों को पकड़ना शामिल नहीं है. लखनऊ मंडल में कीट और चूहों को कंट्रोल का करने का जिम्मा गोमतीनगर स्थित मेसर्स सेंट्रल वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के पास है. इसमें छिड़काव, स्टेबलिंग, फ्लशिंग और रखरखाव करना, रेलवे लाइनों को कॉकरोच जैसे कीटों से बचाना और चूहों को ट्रेन की बोगी में घूसने से रोकना है.
रेलवे अधिकारी ने कहा कि इतनी राशि में 25 हजार रेलवे कोच में चूहों को कंट्रोल करने के लिए राशि खर्च की गई है, यानि हर बोगी 94 रुपये के हिसाब से. वहीं मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि लखनऊ मंडल ने एक चूहे को पकड़ने के लिए 42 हजार रुपये खर्च किए.