Lumpy skin disease in India : देश के आठ राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश ( 8 states ) में ‘लंपी त्वचा रोग’ (Lumpy skin disease) के कारण अब तक 7,300 से अधिक मवेशियों (Over 7,300 cattle) की मौत हो गई है और इसके साथ ही संक्रमण पर काबू पाने के लिए टीकाकरण अभियान (vaccination drive) तेज कर दिया गया है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक भारत के पूर्वी राज्यों, खासकर पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 2019 में एलएसडी (contagious viral disease) के मामले सामने आए थे, लेकिन इस साल पश्चिमी एवं उत्तरी राज्यों एवं अंडमान निकोबार में भी यह बीमारी सामने आई है.
New Excise Policy: एलजी की सिफारिश पर गृहमंत्रालय का एक्शन, 2 IAS अधिकारी निलंबित
इस साल सबसे पहले गुजरात में मवेशियों में लंपी रोग का पता चला था और अब यह बीमारी आठ राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में फैल गई है. जुलाई से अब तक 1.85 लाख मवेशी इससे संक्रमित हुए. इस बीच, एलएसडी का जायजा लेने के लिए केंद्रीय दल पंजाब और गुजरात भेजे गए हैं और राज्यों को परामर्श एवं जैव सुरक्षा उपायों का कड़ाई से पालन करने, संक्रमित जानवरों को इधर-उधर आने-जाने से रोकने, आवारा मवेशियों की निगरानी करने के साथ साथ मरने वाले मवेशियों का सुरक्षित निस्तारण करने को कहा गया है.
आंकड़ों के अनुसार पंजाब में करीब 74,325 मवेशी, गुजरात में 58,546, राजस्थान में 43,962, जम्मू-कश्मीर में 6,385, उत्तराखंड में 1300, हिमाचल प्रदेश में 532 व अंडमान निकोबार में 260 मवेशी एलएसडी की चपेट में आए हैं, जबकि मध्यप्रदेश के आंकड़े का इंतजार है. मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक, अब तक 7300 से अधिक मवेशियों की जान गई है, जिनमें से 3,359 पंजाब, 2,111 राजस्थान, 1,679 गुजरात, 62 जम्मू कश्मीर, 38 हिमाचल प्रदेश, 36 उत्तराखंड और 29 अंडमान निकोबार के थे. हरियाणा में भी एलएसडी संक्रमण फैलने की खबर है.
गौरतलब है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है. पशुधन गणना रिपोर्ट 2019 के मुताबिक देश में 19.25 करोड़ (192.5 मिलियन) मवेशी हैं. संक्रमण से मृत्यु की दर एक से दो प्रतिशत है और यह इंसान को संक्रमित नहीं करता है। उनके अनुसार फिलहाल टीकाकरण चल रहा है एवं 17.92 लाख मवेशियों को टीके लगाए गए हैं. लंपी त्वचा रोग (एलएसडी) मवेशियों में होने वाला एक संक्रामक विषाणु रोग है. यह बीमारी मक्खियों और मच्छरों की विशेष प्रजातियों से फैलती है. इससे संक्रमित होने पर मवेशियों में बुखार और त्वचा पर गांठ हो जाती है. उनकी मृत्यु भी हो सकती है.