Maharashtra के अमरावती में एक केमिस्ट उमेश कोल्हे (Amravati Umesh Kolhe Murder) की 21 जून को गला रेतकर हत्या कर दी गई. बताया जा रहा है कि केमिस्ट ने पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) पर टिप्पणी करने वाली नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के समर्थन में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला था.
यह हत्या तब हुई जब उमेश कोल्हे रात के समय अपने मेडिकल स्टोर से घर लौट रहे थे. उमेश कोल्हे का मर्डर (Umesh Kolhe Murder), उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या ( Kanhaiyalal Murder ) से एक हफ्ते पहले का बताया जा रहा है. हालांकि मामले की छानबीन में अमरावती पुलिस के बाद एटीएस और अब एनआईए भी जुट गई है.
6 आरोपी गिरफ्तार, NIA की हुई एंट्री
उदयपुर के कन्हैयालाल मर्डर से मिलते-जुलते इस मामले में अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. एनआईए की टीम भी महाराष्ट्र के अमरावती में मामले की जांच कर रही है. इस बीच एटीएस की एक टीम भी मामले की छानबीन के लिए अमरावती पहुंची हुई है. एटीएस इसके आतंकी एंगल को खंगालने की कोशिश कर रहा है.
एटीएस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या उदयपुर के आरोपियों की तरह अमरावती के आरोपियों ने भी यही पैटर्न इस्तेमाल किया.
उदयपुर के कन्हैयालाल की तरह हत्या
उमेश कोल्हे महाराष्ट्र के अमरावती जिले में अमित मेडिकल नाम से एक मेडिकल स्टोर चलाते थे. 54 साल के कोल्हे 21 जून की रात जब बेटे संकेत और बहू वैष्णवी के साथ अलग-अलग बाइक पर अपने घर जा रहे थे. तभी घात लगाकर बैठे हमलावरों ने उनकी गर्दन पर पीछे से चाकू से हमला कर दिया.
अचानक हुए इस हमले में वो बुरी तरह से जख्मी हो गए थे. घटना के बाद उनके बेटे और बहू ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया. हालांकि उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गए थे.
नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट!
बताया जा रहा है कि उमेश कोल्हे ने वॉट्सऐप पर नुपूर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर किया था. ये पोस्ट एक मुस्लिम सदस्यों के ग्रुप में चला गया जिनके कुछ लोग उनके ग्राहक भी थे. जानकारी के मुताबिक आरोपियों ने कहा है कि ये पैगंबर का अपमान था इसलिए उमेश कोल्हे की हत्या की गई.
उमेश कोल्हे ( Umesh Kolhe ) के भाई महेश कोल्हे ( Mahesh Kolhe ) ने बताया कि हमें अभी तक हत्या की वजह का पता नहीं है. उन्होंने हमें कभी किसी धमकी के बारे में नहीं बताया था. हां, उन्होंने नुपूर शर्मा को लेकर कुछ मेसेज जरूर वॉट्सऐप ग्रुप में फॉरवर्ड किए थे, लेकिन व्यक्तिगत रूप से किसी को नहीं भेजे थे.
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