Padmashree Sindhutai Sapkal passes away: महाराष्ट्र के गरीबों, बेसहारा और अनाथों की मसीहा पद्मश्री सिंधुताई सपकाल (Padmashree Sindhutai Sapkal) का मंगलवार रात पुणे में निधन हो गया. सेप्टीसीमिया बीमारी से पीड़ित 73 साल की सिंधुताई का पिछले करीब डेढ़ महीने से पुणे के गैलेक्सी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था. उन्हें लोग महाराष्ट्र की मदर टेरेसा भी कहते थे.
सिंधुताई अपना पूरा जीवन अनाथ बच्चों की जिंदगी संवारने में लगा दिया. बताया जाता है कि, इनके 1500 बच्चे, 150 से ज्यादा बहुएं और 300 से ज्यादा दामाद हैं. समाज के लिए अपनी इस सेवा को लेकर उन्हें पिछले साल भारत सरकार ने पद्म श्री (Padma Shri) से भी सम्मानित किया था.
सिंधुताई सपकाल की मौत पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ने दुख जताया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर लिखा कि, डॉ. सिंधुताई का जीवन साहस, समर्पण और सेवा की प्रेरक गाथा है. तो वहीं पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, डॉ. सिंधुताई सपकाल को समाज के लिए उनकी नेक सेवा के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने हाशिए के समुदायों के बीच भी बहुत काम किया। उनके निधन से आहत हूं.