Manipur violence : मणिपुर में एक बार फिर हिंसा हुई है. इंफाल में हथियारों की मांग करते हुए मणिपुर पुलिस कार्यालय परिसर का घेराव करने की कोशिश की गई, जिसके बाद अधिकारियों को हवा में कई राउंड फायरिंग करने और दो जिलों में कर्फ्यू में ढील वापस लेने का आदेश देना पड़ा.
टेंग्नौपाल जिले के मोरेह शहर में अतिरिक्त पुलिस कमांडो की तैनाती के विरोध में एक आदिवासी छात्र संगठन ने बुधवार आधी रात से 48 घंटे के बंद का आह्वान किया, जहां 31 अक्टूबर को एक उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
यह निर्णय हथियारों की मांग को लेकर लोगों के एक समूह द्वारा इंफाल पश्चिम जिले में राजभवन और मुख्यमंत्री कार्यालय के करीब 1 मणिपुर राइफल्स परिसर का घेराव करने की कोशिश के बाद हुआ.
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में कई राउंड गोलियां चलाईं.
मंगलवार सुबह आदिवासी उपद्रवियों द्वारा मोरे शहर में एक ऑन-ड्यूटी उप-विभागीय पुलिस अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई जिसके बाद इंफाल में तनाव पैदा हो गया था
एक अन्य घटना में, मंगलवार दोपहर टेंगनौपाल जिले के सिनम में आतंकवादियों ने राज्य बल के एक काफिले पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें तीन पुलिसकर्मियों को गोली लग गई जिससे वो घायल हो गये.
इस बीच, कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (केएसओ) ने 1 नवंबर की आधी रात से राज्य में 48 घंटे के बंद का आह्वान किया है.
एक बयान में, केएसओ ने कहा कि वह "केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सीमावर्ती शहर की यात्रा के दौरान तीन दिनों के भीतर सभी राज्य बलों को वापस बुलाने के आश्वासन के बावजूद मोरे शहर में मणिपुर पुलिस कमांडो की निरंतर तैनाती और अतिरिक्त तैनाती पर कड़ी आपत्ति जताता है"
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