यूपी के उपमुख्यमंत्री (UP Deputy CM) बृजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने एक बार फिर अपनी छापामार कार्रवाई से प्रदेश के अस्पतालों की लापरवाही उजागर किया है. गुरूवार को उन्होंने लखनऊ (Lucknow) के राम मनोहर लोहिया अस्पताल (Ram Manohar Lohia Hospital) में अचानक छापा मारा. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक के सामने एक ऐसा खुलासा हुआ, जिससे वो भी हैरान रह गए. औचक निरीक्षण में उन्हें पता चला कि पांच साल में संस्थान के स्टोर में पड़े-पड़े 50 लाख रुपये से ज्यादा कीमत की दवाएं एक्सपायर (Medicines Expire) हो गईं. इन्हें न मरीजों को दिया गया और ना ही समय रहते कंपनी को लौटाया गया. इस गंभीर लापरवाही से नाराज डिप्टी सीएम ने अधिकारियों की क्लास लगाई और प्रमुख सचिव को जांच के आदेश दिए हैं.
दरअसल, डिप्टी सीएम गुरुवार दोपहर डेढ़ बजे अचानक लोहिया अस्पताल पहुंचे. यहां सबसे पहले वह एचआरएफ के मुख्य स्टोर गए और कर्मचारियों से एक्सपायर दवाओं की सूची मांगी. इस पर कर्मचारी काफी देरतक बहानेबाजी करते रहे. जब डिप्टी सीएम ने कहा कि बिना सूची देखे नहीं जाउंगा तो कर्मचारी ने बताया कि यह सूची मुख्य सर्वर से मिलेगी. इस पर वह सर्वर रूम पहुंचे. लंबी जद्दोजहद के बाद अफसरों ने पूरी दवाओं की सूची थमा दी. डिप्टी सीएम की जांच में पता चला कि 2,48,668 दवाएं एक्सपायर हो गईं. इन्हें कंपनी को वापस नहीं किया गया. इन दवाओं की कीमत 50 लाख रुपये से अधिक कही जा रही है. माना जा रहा है जांच के बाद जिम्मेदार कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है.
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बता दें कि लोहिया संस्थान में हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड के तहत दवाओं की खरीद-फरोख्त होती है. ये दवाएं मरीजों को सस्ती दर पर मिलती हैं. इससे पहले भी स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक राज्य के अलग- अलग अस्पतालों में छापा मारकर स्वास्थ्य व्यवस्था का जायजा लिया.