मोरबी पुल हादसे पर गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य की बीजेपी सरकार को जमकर फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने मंगलवार को मोरबी पुल हादसे के मामले में पुल के रखरखाव के लिए जिस तरीके से ठेका दिया गया उसकी आलोचना की है. कोर्ट ने कहा कि मोरबी नगर पालिका होशियार बनने की कोशिश कर रही है. नोटिस देने के बाद भी निगम के अधिकारी कोर्ट में नहीं आए, ऐसा लगता है कि वे ज्यादा होशियार हैं, उन्हें सवालों के जवाब देने चाहिए. हाईकोर्ट ने पूछा कि 2016 में टेंडर खत्म होने के बाद भी ब्रिज का टेंडर क्यों जारी नहीं किया गया.
गुजरात हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए राज्य सरकार से पूछा कि बिना टेंडर के एक व्यक्ति के प्रति राज्य की ओर से कितनी उदारता दिखाई गई? कोर्ट ने कहा कि गुजरात सरकार को उन कारणों को बताना चाहिए कि आखिर क्यों नगर निकाय के मुख्य अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू नहीं की गई? कोर्ट ने मुख्य सचिव को तलब कर पूछा है कि इतने महत्वपूर्ण कार्य के लिए टेंडर क्यों नहीं आमंत्रित किए गए थे?
बता दें 30 अक्टूबर को मोरबी में हुए पुल टूटने के हादसे में महिलाओं और बच्चों सहित 135 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हो गए थे.