Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के बड़वानी हिंसा (Barwani violence) मामले में शिवराज सरकार (Shivraj government) पर बड़े सवाल उठ रहे हैं. राज्य सरकार ने दंगों का आरोप उन लोगों पर लगाया है जो खुद पिछले 3 महीनों से जेल (Jail) में बंद हैं. खबर है कि इनमें से एक व्यक्ति शाहबाज (Ram Navami Clash Accused) के घर को अवैध निर्माण का हवाला देते हुए जिला प्रशासन ने गिरा दिया है. अब बड़वानी पुलिस के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि पहले से ही जेल में बंद तीनों दंगा और आगजनी कैसे कर सकते हैं?
दरअसल शहर में सांप्रदायिक दंगों (Communal violence) के बाद 10 अप्रैल को 2 मोटरसाइकिलों में आग लगा दी गई थी, आरोप में तीन लोगों पर मामला दर्ज किया गया था. उनकी पहचान शहबाज़, फकरू और रऊफ (Shahbaz, Farooq, Rauf) के रूप में हुई है. लेकिन यह तीनों 5 मार्च से ही हत्या के प्रयास के मामले में जेल में बंद हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि उनके खिलाफ उसी थाने में FIR दर्ज किया गया, जहां उनपर हत्या के प्रयास का केस दर्ज है.
बड़वानी जिले के पुलिस अफसर मनोहर सिंह ने कहा कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. हालांकि उनका कहना है कि राजेश तायल नाम के एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर जेल में बंद तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
दरअसल 10 अप्रैल को मध्य प्रदेश के खरगोन और बड़वानी में रामनवमी के जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. हिंसा में 6 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 24 लोग घायल हुए थे. इसके बाद मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने करीब 45 घरों और दुकानों पर बुलडोजर चलाया था.