Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी के शव को शुक्रवार को बांदा मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों के एक समूह द्वारा पोस्टमार्टम किये जाने के बाद गाजीपुर जिले के मोहम्दाबाद यूसुफपुर स्थित उसके पैतृक निवास ले जाया जा रहा है जहां इसे सुपुर्दे खाक किया जाएगा.
मुख्तार के शव को दफनाने के लिए काली बाग स्थित पारिवारिक कब्रिस्तान में गड्ढा खोदा गया है. अंतिम संस्कार को देखते हुए गाजीपुर और मऊ समेत आसपास के जिलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है.
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि अंसारी के शव को काली बाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा जो अंसारी परिवार के आवास से करीब आधा किलोमीटर दूर मौजूद है. सूत्रों ने बताया कि इसी कब्रिस्तान में मुख्तार के मां-पिता की कब्र हैं. आपको बता दें कि मुख्तार अंसारी परिवार के आवास से कब्रिस्तान तक भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है.
पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) अतर सिंह और मोहम्मदाबाद कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) पवन कुमार उपाध्याय ने बताया कि दफनाने के लिए गड्ढा तैयार कर लिया गया है और परिजन बता रहे हैं कि शव को यहां लाये जाने के बाद ही दफनाने का समय तय होगा.
उन्होंने कहा कि परिवार के सदस्यों ने कहा है कि यदि शव को रात 10 बजे तक यहां संभव होता है तो शुक्रवार को ही सुपुर्दे खाक किया जाएगा अन्यथा शनिवार सुबह किया जाएगा.
मुख्तार के शव का पोस्टमार्टम बांदा में किया जा रहा है जो मोहम्मदाबाद से से लगभग 400 किलोमीटर दूर है और शव को फतेहपुर, कौशांबी, प्रयागराज, भदोही और वाराणसी आदि जिले के रास्ते लाया जाएगा।
बांदा मेडिकल कॉलेज स्थित पोस्टमार्टम हाउस पर मौजूद अंसारी के अधिवक्ता नसीम हैदर ने बताया कि शव देर रात तक ही गाजीपुर लाये जाने की संभावना है और परिवार अंतिम संस्कार करने पर फैसला करेगा।
बांदा पहुंचे उमर अंसारी ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि उनके पिता की योजनाबद्ध तरीके से हत्या की गई है और उन्होंने पोस्टमार्टम दिल्ली एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) के चिकित्सकों के दल से कराने की मांग की है। उमर अंसारी ने पत्र में कहा, ''हमें बांदा के प्रशासन और चिकित्सकों के दल से न्याय मिलने का कोई भरोसा नहीं है.''
माफिया से नेता बना अंसारी बांदा जेल में बंद था। उसकी बांदा के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से बृहस्पतिवार को मौत हो गयी थी। मुख्तार अंसारी को बृहस्पतिवार को तबीयत बिगड़ने के बाद बांदा जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी.