Khagaria sterilization: बिहार में खगड़िया जिले के अलौली स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी कराने आई महिलाओं की सर्जरी ऐसे कर दी गई, मानों वो इंसान नहीं बल्कि कोई पुतला हों, जिन्हें ना कुछ महसूस होता है और ना दर्द का एहसास. इस अस्पताल में मानवीयता को ताक पर रख लापरवाही की सारी हदें पार कर दी गई. ऑपरेशन से पहले ना महिलाओं को बेहोश किया गया, ना दर्द कम होने के लिए कोई इंजेक्शन दिया गया और ना ही ऑपरेशन के बाद उन्हें बेड मिल सका.
ऑपरेशन थिएटर में खुली आंखों से ये महिलाएं अपने शरीर का चीर-फाड़ होते देखती रही और दर्द से चीखती-चिल्लाती रहीं. लेकिन, अस्पताल प्रशासन पर स्वास्थ्य कर्मियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. बल्कि उल्टा मरीज के हाथ-पैर पकड़कर और मुंह बंद करके ऑपरेशन किया गया. कुछ महिलाओं का तो आरोप है कि वहां डॉक्टर भी मौजूद नहीं थे, और उनकी सर्जरी दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों ने ही कर दी.
बताया जा रहा है कि एक निजी एजेंसी या यूं कहे कि एनजीओ ने स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर यह शिविर आयोजित किया था, जिसमें 30 महिलाओं का नसबंदी होना था लेकिन 23 महिलाओं का ही ऑपरेशन हुआ क्योंकि दर्द से तड़पती महिलाओं चीख सुनकर 7 महिलाओं ने ऑपरेशन नहीं कराया. खबरों के मुताबिक, सरकार इस एनजीओ को एक महिला के नसबंदी ऑपरेशन के लिए 2170 रुपये देती है, इसलिए आंकड़ा बढ़ाने के इरादे से बगैर पर्याप्त चिकित्सा इंतजामों और सावधानी के नसबंदी ऑपरेशन करवा दिए गए. फिलहाल सिविल सर्जन ने पूरे मामले की जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है.