राजस्थान (Rajasthan) के 213 शहरों में अब गाय या भैंस पालने के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है. राज्य सरकार ने नए गोपालन नियम (cow rearing rules) लागू कर दिए हैं. इसके तहत पशु मालिक को पाबंद किया गया है कि पड़ोस में रहने वालों को गोबर-मूत्र आदि से कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. नए नियम के मुताबिक अब निगम या पालिका से लाइसेंस (municipality license) लेकर एक ही गाय या भैंस पाली जा सकेगी. उसके लिए भी कम से कम 100 वर्गगज जमीन होना जरूरी है. पशु घर 100 वर्गगज का रखने के साथ 200 वर्गफीट तक कवर और 250 वर्गफीट तक खुला रखना जरूरी होगा.
क्या है नया नियम ?
कोई पशु पालक पशु का कॉमर्शियल इस्तेमाल (commercial use of animals) नहीं कर सकेगा. यानी गाय या भैंस के दूध, दही, मक्खन नहीं बेच सकेगा. उसे खुद ही इस्तेमाल करना होगा.
हर पशु के कान में मालिक का नाम, पता और मोबाइल नंबर टैग कर बांधना होगा.
पशु बाहर घूमता पाया गया तो 10 हजार रु. देना होगा जुर्माना
हर 10 दिन में पशु का गोबर शहर से बाहर डालना होगा
रास्ते या खुले स्थान पर पशु को बांधने पर रोक होगी
लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन होने पर 1 महीने के नोटिस पर लाइसेंस रद्द होगा
लाइसेंसे रद्द होने के बाद नहीं पाल सकेंगे पशु
पशुघर लाइसेंस फीस 1000 रु. सालाना होगी
बिना लाइसेंस चारा बेचा तो जुर्माना देना होगा
पशु लावारिस घूमता मिला तो हर पशु के हिसाब से 500 रुपए परिवहन और 100 रुपए प्रतिदिन चारे का जुर्माना वसूला जाएगा
पशु के सड़क पर मिलने पर पहली बार 5 हजार और दूसरी बार 10 हजार जुर्माना
हर साल शुल्क देकर लाइसेंस को रिन्यूअल कराना होगा
पशुघर के ऊपर कोई मकान आदि रहवासी स्थान नहीं बना सकेंगे
गंदगी पाए जाने पर 5000 रुपए जुर्माना लगेगा
नए नियम का क्या होगा असर
नया गोपालन नियम लागू होने के बाद शहर की 95% आबादी पशु नहीं पाल पाएगी. क्योंकि नए कानून के हिसाब से जिनके मकान 500 वर्गमीटर से बड़े होंगे, वे ही 100 वर्गगज जमीन एक पशु के लिए अलग रख सकते हैं. जबकी शहरों में औसतन 500 वर्गमीटर से बड़े आवास वालों की संख्या 5% भी नहीं हैं. जिसका मतलब साफ है कि 95% आबादी गाय-भैंस नहीं पाल पाएगी.