Ramayana Quiz: रामायण क्विज जीतने के बाद मुस्लिम छात्रों ने कही बड़ी बात, 'भगवान राम से लें प्रेरणा'

Updated : Aug 12, 2022 10:41
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Editorji News Desk

केरल (Kerala) के मलप्पुरम ( Malappuram) में रामायण पर एक ऑनलाइन क्विज (Online Ramayana Quiz) का आयोजन किया गया. इस क्विज में मलप्पुरम के दो मुस्लिम छात्रों मोहम्मद जाबिर पीके और मोहम्मद बसीथ एम (Muslim student Mohd Jabir PK and Mohd Basith M) ने टॉप किया है. जैसे ही इन दोनों की जीत का पता चला तो लोगों ने बधाईयां देना शुरू कर दिया. इन दोनों मुस्लिम छात्रों ने भगवान राम और रामायण (Lord Rama and Ramayana) को लेकर बहुत बड़ी बात कही है. जिसके लिए इन दोनों की खूब तारीफ हो रही है. सोशल मीडिया (Social Media) पर इन दोनों मुस्लिम छात्रों की कहानी वायरल हो रही है.

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एक हजार छात्रों में किया टॉप

मोहम्मद जाबिर पीके और मोहम्मद बसीथ एम, केकेएचएम इस्लामिक एंड आर्ट्स कॉलेज, वालेंचरी (Valencherry KKHM Islamic and Arts College) में वेफी कोर्स कर रहे हैं. इस क्विज में एक हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया था. इन दोनों के अलावा पांच और लोग क्विज के टॉप 5 में पहुंचे थे. लेकिन फिलहाल चर्चा सिर्फ इन दोनों की हो रही है.

इस ऑनलाइन क्विज को पब्लिशिंग कंपनी डीसी बुक्स (Publishing company DC Books) की ओर से आयोजित किया गया था. वैसे तो मोहम्मद बसीथ एम को रामायण की कई चौपाइयां कंठस्थ हैं. लेकिन अयोध्या कांड (Ayodhya Kand) की चौपाई उनकी सबसे पसंदीदा चौपाई है. जिसमें लक्ष्मण (Lakshaman) के क्रोध और भगवान राम (Lord Rama) की ओर से दी जा रही सांत्वना का जिक्र है.

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'राम और रामायण से प्रेरणा लें'

वहीं रामायण क्विज जीतने वाले जाबिर का कहना है कि सभी भारतीयों को रामायण और महाभारत (Ramayana and Mahabharata) पढ़ना चाहिए. रामायण और महाभारत हमारी संस्कृति, परंपरा और इतिहास (Culture, Tradition and History) का हिस्सा हैं. इन ग्रंथों को सीखना और समझना हमारी जिम्मेदारी है. हमें भगवान राम जैसे पात्रों और रामायण जैसे महाकाव्यों (Epics) के संदेश से प्रेरणा लेनी चाहिए.

वहीं दूसरे विजेता बसीथ ने जीत के बाद कहा कि अगर रामायण और महाभारत का व्यापक स्तर पर अध्ययन किया जाए तो यह अन्य समुदायों और उनके लोगों को समझने में अधिक मदद करेगा. बसीथ एम ने कहा कि कोई भी धर्म नफरत करना नहीं सिखाता, न ही उसे बढ़ावा देता है. इन दोनों का कहना है कि वे बचपन से ही रामायण के बारे में जानते थे. लेकिन जब वेफी पाठ्यक्रम में रामायण और हिंदू धर्म के बारे में गहराई से पढ़ना और लिखना शुरू किया, तब इसके बारे में अच्छी जानकारी हुई. 

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