महाराष्ट्र (Maharashtra) के अमरावती में मेलघाट से भीषण जल सकंट (Water crisis in Amravati) की तस्वीरें सामने आई हैं. ग्रामीणों को बूंद-बूंद पानी के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. जून की चिलचिलाती गर्मी में ग्रामीण इस उम्मीद में कई किलोमीटर का सफर पैदल तय कर रहे हैं कि शायद साफ पानी मयस्सर हो जाए, लेकिन उन्हें कभी निराशा हाथ लगती है, तो कभी बूंद-बूंद के लिए जूझना पड़ता है.
एक ग्रामीण महिला ने बताया- 'गांव में सूखे कुओं में पानी डालने वाले दो टैंकरों के जरिए पानी की आपूर्ति की जाती है. लोग कुओं से पानी खींचने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं. गंदा पानी पीने के बाद बीमारियां बढ़ रही हैं. अगर कोई शख्स बीमार हो जाता है, तो उसे ले जाने के लिए कोई रास्ता भी नहीं है.
भीषण जल संकट से परेशान स्थानीय लोग शिकायत करते हैं कि पानी लेने के लिए हमें काफी दूर जाना पड़ता है, 2 किमी चलकर हम पानी लेने जाते हैं. नेता वोट लेने तो आते हैं, लेकिन मदद करने नहीं.
सरकार की कोशिश
15 अगस्त, 2019 को PM Modi ने लाल किले से ‘जल जीवन मिशन' का एलान करते हुए कहा था कि राज्य और केंद्र मिलकर काम करेंगे. पीएम ने आने वाले वर्षों में 3.5 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा रकम खर्च करने का संकल्प लिया था. पीएम मोदी के इस संकल्प के करीब 3 साल बाद अमरावती की ये तस्वीरें भविष्य के लिए सवाल खड़ी करती हैं.
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