प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को यूपी (UP) के जालौन जिले की उरई तहसील के कैथेरी गांव में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) का उद्घाटन किया. करीब 28 महीने पहले 29 फरवरी, 2020 को पीएम मोदी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था. इस एक्सप्रेसवे को अगले साल यानी 2023 में बनकर तैयार होना था. लेकिन काम तय समय से पहले हो गया. ऐसे में आइए जानते हैं बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की खास बातों के बारे (Bundelkhand Expressway complete details) में -
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6 हिस्सों में बने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण पर 14,850 करोड़ रुपये का खर्च आया है. इस एक्स्प्रेसवे की लंबाई 296 किलोमीटर है. फिलहाल इस एक्सप्रेसवे को चार लेन (Four Lane) का बनाया गया है. लेकिन भविष्य में गाड़ियों की आवाजाही बढ़ने पर इसे 6 लेन (Six Lane) तक बढ़ाया जा सकता है.
इसके लिए एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ अतिरिक्त जमीन है. इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से चित्रकूट से दिल्ली (Chitrakoot to Delhi) दूरी सिर्फ 630 किलोमीटर ही रह जाएगी. अब तक 700 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी. जिसमें 12 से 14 घंटे का समय लगता था. लेकिन इसके बन जाने से दिल्ली तक का सफर आसान हो जाएगा. चित्रकूट से दिल्ली तक का सफर सिर्फ 6 घंटे में पूरा किया जा सकेगा.
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे यूपी के सात जिलों यानी चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है. इसके बाद यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस (Agra-Lucknow Express) वे से जुड़ जाता है. यह एक्सप्रेसवे केन, बागेन, बिरमा, चन्दावल, श्यामा, यमुना, बेतवा और सेंगर समेत 8 नदियों से होकर गुजरता है.
इस एक्सप्रेस-वे पर लोगों की सुविधाओं का ख्याल रखा गया है. 4 जन सुविधा केंद्र बनाए गए हैं. 24 घंटे पुलिस पेट्रोलिंग और एंबुलेंस (Police Patrolling and Ambulance) की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी. इसके अलावा 4 पेट्रोल पंप (Petrol Pump) भी बनाए जाएंगे.
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के बन जाने से इस इलाके की कनेक्टिविटी (Connectivity) में सुधार होगा. साथ ही आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा. बांदा और जालौन जिलों में एक्सप्रेस-वे के करीब इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (Industrial Corridor) बनाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है. इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार (Employment) के अवसर पैदा होंगे.
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इस एक्सप्रेसवे पर 14 लंबे पुल, 250 से ज्यादा छोटे पुल, 4 रेलवे ओवरब्रिज, 6 टोल प्लाजा, 18 फ्लाईओवर बनाए गए हैं. साथ ही एक्सप्रेसवे के दोनों ओर करीब 7 लाख पेड़ लगाए जाएंगे. एक्सप्रेस-वे पर कोई पशु नहीं आ पाए इसके लिए दोनों तरफ कंटीली तार का बाड़ लगाया गया है.