भीषण गर्मी के बीच देश के करीब एक दर्जन राज्यों में बिजली संकट गहरा गया है. इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, झारखंड, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश शामिल हैं. आलम ये है कि कई राज्यो में बिजली कटौती जोरों पर है जिसकी वजह से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. परेशानी ये है कि कई राज्यों के पास तो महज कुछ दिनों का ही कोयला स्टॉक बच गया है.
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बात अगर यूपी की करें तो यहां कोयले का सिर्फ सात दिन का स्टॉक ही बाकी रह गया है. एक तरफ जहां बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है वहीं दूसरी ओर राज्य के थर्मल पावर प्लांट्स के पास मानकों की तुलना में कोयले का 26 फीसदी स्टॉक ही बचा है. प्रदेश के सभी चार थर्मल पावर प्लांट्स में 19 लाख 69 हजार 800 टन कोयले के स्टॉक होना चाहिए लेकिन है सिर्फ 5 लाख 11 हजार 700 टन. राज्य में प्राइवेट सेक्टर के 54 में से 28 पावर प्लांट में भी हालात कमोबेश ऐसे ही हैं.
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रिपोर्ट्स के मुताबिक सरप्लस बिजली का उत्पादन करने वाले उत्तराखंड में 15 मिलियन यूनिट के मुकाबले बमुश्किल पांच मिलियन यूनिट बिजली मुहैया हो पा रही है. राज्य में अब छोटे कस्बों में भी बिजली कटौती की जा सकती है. यहां प्रदेश सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने भी मोर्चा खोल दिया है और बिजली संकट को लेकर धरने दिए जा रहे हैं.
महाराष्ट्र में 25 हजार मेगावॉट बिजली की आवश्यकता है लेकिन सिर्फ 21 से 22 हजार मेगावॉट बिजली ही उपलब्ध हो पा रही है. बिजली कटौती के खिलाफ नागपुर में लोगों ने हाथों में लालटेन लेकर विरोध प्रदर्शन किया. ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने लोगों से अपील की है कि वो सतर्कता से बिजली का उपयोग करें.
पंजाब में 24 घंटे बिजली का वादा करने वाली आप सरकार पर भी विपक्ष हमलावर है. विपक्ष का आरोप है कि पंजाब के कई इलाकों में सिर्फ तीन घंटे ही बिजली उपलब्ध कराई जा रही है.
झारखंड में भी सीएम हेमंत सोरेन ने लोगों से शाम सात से रात 11 बजे तक AC समेत ज्यादा बिजली खर्च होने वाले इलेक्ट्रिक आइटम ना चलाने की अपील की है. यहां कुछ दिनों पहले महेन्द्र सिंह धोनी की पत्नी साक्षी ने ट्वीट कर बिजली संकट पर सरकार को घेरा था.