उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में योगी सरकार अपने बुलडोजर एक्शन ( Bulldozer Action) को लेकर देश में चर्चा का विषय बन गई है. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को लोग 'बुलडोजर बाबा' भी कहने लगे हैं. योगी आदित्यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर से कार्रवाई कर रही है. रविवार को प्रयागराज (Prayagraj) में हिंसा के मास्टरमाइंड कहे जाने वाले जावेद पंप (Javed Pump) का आलीशान घर बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर बुलडोजर की ये सारी कार्रवाई होती कैसे है? कौन इसका आदेश देता है?
लल्लनटॉप की एक खबर की मुताबिक यूपी के एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि बुलडोजर से संपत्ति ढहाने की कार्रवाई 'उत्तर प्रदेश अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट 1973' के तहत होती है. इस कानून में एक धारा 27 है, जिसके तहत प्रशासन को अवैध संपत्तियों को ढहाने का अधिकार मिला हुआ है. इसके लिए विकास प्राधिकरण के चेयरमैन और वाइस चेयरमैन नोटिस जारी कर सकते हैं. राजस्व विभाग के अधिकारी इसमें उनकी मदद करते हैं.
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क्या कहता है कानून?
एक्ट के तहत अगर अगर संपत्ति गिराने का अंतिम आदेश जारी हो चुका है, तो प्रशासन को अधिकतम 40 दिनों के अंदर संपत्ति को गिराना होगा.
संपत्ति गिराने का आदेश उस संपत्ति के मालिक को अपना पक्ष रखने का एक अच्छा मौका दिए बिना जारी नहीं किया जा सकता.
आदेश जारी होने के 30 दिनों के भीतर संपत्ति का मालिक आदेश के खिलाफ चेयरमैन से अपील कर सकता है.
चेयरमैन अपील पर सुनवाई के बाद आदेश में संशोधन कर सकते हैं या फिर उसे रद्द भी कर सकते हैं.
चेयरमैन का फैसला ही अंतिम होगा और उसे किसी अदालत में चैलेंज नहीं किया जा सकेगा.
कैसे होती है कार्रवाई?
प्रशासन जघन्य अपराधों के आरोपियों की डिटेल खंगालता है.
अवैध निर्माण का पता चलने पर आरोपियों की संपत्ति पर बुलडोजर चलाया जाता है