अप्रैल के शुरुआत से ही देश में 800 से ज़्यादा दवाइयों के दाम बढ़ गए हैं.सरकार ने होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) में कई बदलाव किए हैं जिसके तहत कई दवाओं की कीमतें अब बढ़ जाएंगी. इन दवाओं की कीमतों में करीब 12% की बढ़ोतरी देखी जा रही है. इसके तहत राष्ट्रीय आवश्यक दवा सूची (NLEM) में 0.0055 प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है. इस लिस्ट में वो दवाएं भी शामिल हैं जो कि रोजमर्रा की आम समस्याओं में काम आती हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पेरासिटामोल की कीमतों 130% तक बढ़ोतरी हुई है. पेरासिटामोल एक ऐसी दवा है जो कि बुखार समेत कई बीमारियों में होने वाले इस लक्षण को कंट्रोल करने के लिए इस्तेमाल होती है.
पेनकिलर, एंटीबायोटिक और एंटी-इंफेक्शन की दवाएं भी महंगी हो गई हैं. पेनिसिलिन जी 175% महंगा हो गया है तो, एज़िथ्रोमाइसिन और कुछ अन्य दवाएं भी महंगी हो गई हैं. इसके अलावा भी इस लिस्ट में कई स्टेरॉयड भी शामिल हैं.
इन दवाओं के अलावा एक्सीसिएंट्स की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है.ये 18-262% बढ़ी है और इनमें शामिल है ग्लिसरीन और प्रोपलीन ग्लाइकोल, सिरप, सहित सॉल्वैंट्स. ये 263% से 83% महंगे हुए हैं. इसके अलावा कुछ इंटरमीडिएट्स दवाओं की कीमतें भी 11% से 175% के बीच बढ़ी हैं.