बेटियों के लेकर सरकार की ओर से भले ही सकारात्मक पहल की जा रही हो, लेकिन समाज में बेटियां आज भी बोझ ही समझी जा रही हैं. शायद यही वजह रही कि राजस्थान के भरतपुर में एक महिला अपनी नवजात बेटी को अस्पताल में ही छोड़कर चली गई. साथ में उसने एक खत भी छोड़ा, जिसे पढ़कर समाज में बेटियों के प्रति सोच सामने आ गई. महिला ने लिखा कि 'मुझ पर 6 लड़की हो गई हैं, मेरी सास परेशान करती है, इसलिए यह कदम उठाया है, मेरी बेटी को पाल लो, तुम्हारा एहसान होगा, मुझे माफ कर दो''. फिलहाल यह नवजात अस्पताल में भर्ती है, जहां उसका इलाज चल रहा है.
लावारिस नवजात से पास रखे इस खत को जिसने भी पढ़ा उसका कलेज फट गया. आजतक में छपी खबर के मुताबिक राजस्थान के भरतपुर स्थित जनाना (महिला) अस्पताल के परिसर में रामवीर नामक व्यक्ति को नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी. रामवीर ने पास जाकर देखा तो कपड़े से लिपटी हुई एक नवजात जमीन पर पड़ी रो रही थी. नवजात के पास एक खत भी रखा था. रामवीर अस्पताल के अंदर पहुंचा और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों से मिल सारी बात बताई.
डॉक्टरों ने तत्काल बच्ची को एडमिट कर उसका इलाज शुरू कर दिया.साथ ही अस्पताल प्रबंधन की सूचना पर बाल कल्याण समिति के सदस्य भी वहां पहुंचे और रामवीर से पूरी बात जानी. अब बच्ची की मां का पता लगाया जा रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची की जन्म तीन दिन पहले ही हुआ है.
भरतपुर जनाना अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डॉ. हिमांशु गोयल ने कहा कि अस्पताल परिसर में नवजात बालिका लावारिस हालत में मिली है. ऐसा लग रहा है कि उसकी मां ही उसे छोड़कर गई है.फिलहाल बच्ची का इलाज चल रहा है.
नवजात के पास से जो लेटर (कागज) मिला था उस पर लिखा हुआ था, ''मुझ पर है 6 लड़की हो गई हैं, मेरी सास परेशान करती है, इसलिए यह कदम उठाया है, मेरी बेटी को पाल लो, तुम्हारा एहसान होगा, मुझे माफ कर दो.''