सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे एक दोषी ए जी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया है. पेरारिवलन लगभग 31 सालों से जेल में बंद हैं. पेरारिवलन को 11 जून, 1991 को गिरफ्तार किया गया था. तब उसकी उम्र 19 साल थी.
पेरारिवलन पर लिट्टे के शिवरासन के लिए 9-वोल्ट की दो ‘गोल्डन पावर’ बैटरी सेल खरीदने का आरोप था. शिवरासन ही वही शख्स है जिसने यह साजिश रची थी. पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या में बम के साइ इन बैटरियों का ही इस्तेमाल किया गया था.
हलांकि 1998 में टाडा अदालत ने पेरारिवलन को मौत की सजा सुनाई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में इस सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया.
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 विशेषाधिकार के तहत पेरारिवलन को रिहा करने का फैसला दिया है. क्योंकि पेरारिवलन की दया याचिका राज्यपाल और राष्ट्रपति के बीच काफी दिनों से लंबित थी. सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई का फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्य कैबिनेट का फैसला राज्यपाल पर बाध्यकारी है. इसलिए बाकी सभी दोषियों की रिहाई का रास्ता भी खुला हुआ है.