Delhi Meerut Rapid Rail: देश में पहली बार 'मिनी बुलेट' की तस्वीर दिखी है. दिल्ली से मेरठ तक दौड़ने जा रही हाईस्पीड रेल की पहली झलक शनिवार को सामने आई. दिल्ली और मेरठ के बीच रोज सफर करने वाले हजारों पैसेंजर्स के लिए ये सेवा किसी वरदान की तरह होगी. ये सेवा ऐसे हजारों-लाखों लोगों के लिए किसी सपने के सच होने जैसा होगा.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आरआरटीएस के तहत इस्तेमाल होने वाली पहली ट्रेन को एल्सटॉम इंडिया के गुजरात स्थित मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में 'नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन' - National Capital Region Transport Corporation (एनसीआरटीसी) को सौंप दिया गया.
एनसीआरटीसी भारत का पहला रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) डेवलप कर रही है जो हाई स्पीड वाला regional passenger transport rail system है. इस तरह की पहली ट्रेन दिल्ली में सराय काले खां-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर चलेगी.
कई आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित इस ट्रेन को एल्सटॉम के गुजरात के सांवली के प्लांट में एनसीआरटीसी के सुपुर्द किया गया. एल्सटॉम इंडिया ने ट्रेन की चाबियां एनसीआरटीसी को सौंपी. इस अवसर पर आवासीय एवं शहरी मामलों के मंत्रालय में सचिव मनोज जोशी भी मौजूद थे.
इस अवसर पर आवासीय एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि नए दौर की यह ट्रांजिट प्रणाली तेजी से होते शहरीकरण का प्रबंधन करने में भी मददगार होगी.
दिल्ली-मेरठ के बीच के किराये के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने कहा कि अभी यह तय नहीं किया गया है लेकिन किराया यात्रियों की सुविधा एवं राजस्व को ध्यान में रखते हुए ही तय किया जाएगा.
एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने कहा कि ये भारत मे सबसे तेज स्पीड से चलने वाली ट्रेनें होंगी और इन्हें इस तरह बनाया गया है कि इनकी अधिकतम गति 180 किलोमीटर प्रति घंटा, ऑपरेटिंग स्पीड 160 किमी प्रति घंटा और औसत गति 100 किमी प्रति घंटा रहेगी.
बयान के मुताबिक, आरआरटीएस के तहत 17 किलोमीटर लंबा प्राइमरी सेक्शन 2023 तक शुरू हो सकता है और पूरे कॉरिडोर पर ऑपरेशन 2025 तक शुरू होने की उम्मीद है.
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