देश के दिग्गज उद्योगपतियों रतन टाटा (Ratan Tata) सार्वजनिक कार्यक्रमों में कम नजर आते हैं. 84 साल के रतन टाटा गुरुवार को असम (AssaM) में कैंसर अस्पतालों (Cancer Hospitals) के उद्घाटन के मौके पर नजर आए. उनके साथ मंच पर पीएम मोदी(Narendra Modi), राज्य के CM हेमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) और पूर्व CM सर्वानंद सोनोवाल भी मौजूद थे. कम बोलने वाले रतन टाटा को जब मंच पर संबोधन के लिए बुलाया गया तो वो धीमी गति से एक महिला के सहारे मंच तक पहुंचे.
इस दौरान वो काफी भावुक नजर आए. उन्हें सबसे पहले तो हिंदी में न बोल पाने के लिए लोगों से माफी मांगी और कहा, मैं हिंदी में भाषण नहीं दे सकता, इसलिए अंग्रेजी में बोलूंगा. इसके बाद उन्होंने कपकपाती आवाज में टूटी-फूटी हिंदी बोली. इस दौरान वो काफी भावुक नजर आए.
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रतन टाटा की क्या है आखिरी ख्वाहिश
रतन टाटा ने इसके बाद बताया कि जिदंगी के आखिरी सालों में उनकी क्या ख्वाहिश है. उन्होंने कहा कहा, ''संदेश एक ही होगा. मेरे दिल से निकला हुआ. मैं अपनी जिदंगी के आखिरी साल स्वास्थ्य को समर्पित करता हूं. असम को ऐसा राज्य बनाएं जो सबको पहचाने और जिसको सब पहचानें" उन्होंने कहा कि असम में 17 कैंसर देखभाल केंद्रों का एक नेटवर्क सभी को कम खर्च पर उपचार उपलब्ध कराएगा क्योंकि कैंसर अमीर लोगों का रोग नहीं है. बता दें कि पीएम मोदी ने असम के लिए 7 नए कैंसर अस्पतालों की आधारशिला रखी और 6 कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन किया.
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